
नोएडा में भी कोरोना की एंट्री, गाजियाबाद में सामने आया एक और मामला... NCR में बढ़ा खतरा
AajTak
कोविड-19 की नोएडा में भी एंट्री हो गई है. नेपाल से लौटे व्यक्ति में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है. वहीं गाजियाबाद में बीते 24 घंटे में कोरोना का दूसरा मामला सामने आया है.
दिल्ली-NCR में कोरोना संक्रमण एक बार फिर तेजी से बढ़ने लगा है. कोरोना की नोएडा में भी एंट्री हो गई है. कोरोना संक्रमित मरीज नेपाल से लौटा था. वह नोएडा के सेक्टर-36 का रहने वाला है. 44 साल का मरीज दिल्ली से सटे गुरुग्राम की एमएनसी में काम करता है. स्वास्थ्य विभाग ने सैंपल लेकर जीनोम सिक्वेंसिंग की जांच के लिए भेज दिए हैं.
वहीं, गाजियाबाद में लगातार दूसरे दिन कोरोना का केस सामने आया है. विजयनगर में रहने वाले 36 साल के युवक में कोरोना की पुष्टि हुई है. गाजियाबाद स्वास्थ्य विभाग कोविड संक्रमित मरीजों के संपर्क में आए लोगों की पहचान और उनकी जांच में जुटा है. साथ ही संक्रमित मरीजों के सैंपल जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजे जा रहे हैं.
राजस्थान में बढ़े नए वैरिएंट के मरीज
राजस्थान में कोरोना के नए सब-वैरिएंट के 2 और मामले सामने आए हैं. अब राज्य में कोरोना के नए सब-वैरिएंट के 4 मरीज हो गए हैं. इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग ने संक्रमण की रोकथाम और नियंत्रण के लिए एडवाइजरी जारी की है. राजस्थान स्वास्थ्य एवं चिकित्सा विभाग ने लोगों को हल्की सर्दी, खांसी, बुखार या गले में खराश होने पर समय पर चिकित्सकीय सलाह लेने की सलाह दी है. एक आधिकारिक ने बताया कि बुधवार को जैसलमेर में जेएन.1 सब-वैरिएंट के दो कोविड मामले सामने आए थे. जबकि गुरुवार को जयपुर में इसी सब-वैरिएंट के दो और मामले सामने आए हैं. बयान में कहा गया है कि एक मरीज झुंझुनू का निवासी है, जबकि दूसरा भरतपुर का रहने वाला है.
स्वास्थ्य विभाग ने जारी की एडवाइजरी
राज्य के स्वास्थ्य एवं चिकित्सा विभाग ने गुरुवार को एडवाइजरी में कहा कि अगर हल्की सर्दी, खांसी, बुखार, जुकाम और गले में खराश से पीड़ित मरीज समय पर चिकित्सकीय सलाह लें तो बीमारी को प्रभावी ढंग से और तुरंत नियंत्रित किया जा सकता है. एडवाइजरी में कहा गया है कि अगर संक्रमण के लक्षण दिखाई देते हैं, तो निकटतम स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर की सलाह के अनुसार कोविड-19 का परीक्षण और उपचार समय पर किया जाना चाहिए.

आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है. यानी दोनों देशों का संबंध एक ऐसा अटल सत्य है, जिसकी स्थिति नहीं बदलती. सवाल ये है कि क्या पुतिन का ये भारत दौरा भारत-रूस संबंधों में मील का पत्थर साबित होने जा रहा है? क्या कच्चे तेल जैसे मसलों पर किसी दबाव में नहीं आने का दो टूक संकेत आज मिल गया? देखें हल्ला बोल.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर में जमा पैसा देवता की संपत्ति है और इसे आर्थिक संकट से जूझ रहे सहकारी बैंकों को बचाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें थिरुनेल्ली मंदिर देवस्वोम की फिक्स्ड डिपॉजिट राशि वापस करने के निर्देश दिए गए थे. कोर्ट ने बैंकों की याचिकाएं खारिज कर दीं.

देश की किफायत विमानन कंपनी इंडिगो का ऑपरेशनल संकट जारी है. इंडिगो को पायलट्स के लिए आए नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों को लागू करने में भारी दिक्कत आ रही है. इस बीच आज इंडिगो की 1000 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हो गई है, जिस पर कंपनी के सीईओ का पहला बयान सामने आया है. इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने इंडिगो ऑपरेशनल संकट पर पहली बार बयान देते हुए कहा कि पिछले कुछ दिनों से विमानन कंपनी के कामकाज में दिक्कतें आ रही हैं. कंपनी का कामकाज पांच दिसंबर को सबसे अधिक प्रभावित हुआ है. आज 100 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हुई हैं.

संसद के शीतकालीन सत्र में 8 और 9 दिसंबर 2025 को राष्ट्रगीत वंदे मातरम् पर दोनों सदनों में विशेष चर्चा होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री इस चर्चा को संबोधित करेंगे. चर्चा का उद्देश्य वंदे मातरम् के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान, ऐतिहासिक महत्व और वर्तमान प्रासंगिकता को उजागर करना है.

भारत-रूस बिजनेस फोरम में पीएम मोदी ने कहा कि भारत और रूस के बीच संबंध मजबूत हो रहे हैं और दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण लक्ष्यों को निर्धारित किया है. राष्ट्रपति पुतिन के साथ चर्चा में यह स्पष्ट हुआ कि व्यापार लक्ष्य समय से पहले पूरा किया जाएगा. कई क्षेत्रों जैसे लॉजिस्टिक्स, कनेक्टिविटी, मरीन प्रोडक्ट्स, ऑटोमोबाइल, फार्मा, और टेक्सटाइल में सहयोग को आगे बढ़ाया जा रहा है.

जम्मू-कश्मीर के 711 अग्निवीर आज भारतीय सेना का हिस्सा बन गए हैं. श्रीनगर स्थित जम्मू कश्मीर लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट सेंटर में इन्हें कठोर प्रशिक्षण दिया गया, जिसके बाद ये अग्निवीर देश की सुरक्षा के लिए सीमाओं पर तैनात होंगे. इससे न केवल भारतीय सेना की क्षमता में वृद्धि हुई है, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा भी मजबूत हुई है.







