
नेपाल दौरे के दौरान विदेश मंत्री जयशंकर क्यों हुए नाराज, चीन से इसका क्या है कनेक्शन?
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भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस बात पर नाराजगी व्यक्त की है कि नेपाल ने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के नेताओं को भी उनकी यात्रा के दौरान ही बुलाया है. जबकि भारतीय विदेश मंत्रालय ने नेपाल सरकार से यह अनुरोध भी किया था कि उनकी यात्राओं को ओवरलैप करने से बचा जाए.
गुरुवार को दो दिवसीय नेपाल दौरे पर पहुंचे विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इसी दौरान चीनी अधिकारियों के नेपाल दौरे पर नाराजगी जताई है. नेपाली न्यूज वेबसाइट myRepublica के मुताबिक, नेपाल के राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल और प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल के साथ बैठक के दौरान जयशंकर उस समय नाराज हो गए जब उन्हें पता चला कि चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी यून्नान प्रांतीय समिति की स्थायी समिति के उप सचिव शी युगांग नेपाल दौर पर पहुंचे हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी अधिकारी शी युगांग छह सदस्यीय टीम के साथ नेपाल पहुंचे हैं. शी युगांग एयरपोर्ट से सीधे मैरियट होटल पहुंचे, जहां उनके और उनके साथ आई टीम के लिए रहने की व्यवस्था की गई थी.
युगांग के नेतृत्व वाली छह सदस्यीय टीम में चांग शिकिन, वांग वेई, डुआन शोरेन, चेक शुयुन और ली शिहाई शामिल हैं. सूत्रों के मुताबिक, शी युगांग और उनकी टीम इस दौरान प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल, उपराष्ट्रपति राम सहाय प्रसाद यादव और पर्यटन मंत्री सूडान किरांती के साथ भी मुलाकात करेंगे.
एस जयशंकर ने जताई नाराजगी
नेपाली विदेश मंत्रालय के एक सूत्र ने बताया है कि भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस बात पर नाराजगी व्यक्त की है कि नेपाल ने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के नेताओं को उनकी यात्रा के दौरान ही बुलाया है.
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि नेपाल के अधिकारियों को पहले से ही यह पता था कि भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर की नेपाल यात्रा के दौरान ही चीन के अधिकारी अने वाले हैं. सूत्रों के मुताबिक, भारतीय विदेश मंत्रालय ने नेपाल सरकार से यह अनुरोध भी किया था कि उनकी यात्राओं को ओवरलैप करने से बचा जाए. चूंकि, चीन के अधिकारियों की यात्रा भी पहले से निर्धारित थी. इसलिए नेपाल सरकार की ओर से इसे स्थगित करने का कोई प्रयास नहीं किया गया.

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