नीतीश कुमार ने क्या तेजस्वी के सीएम बनने के अरमानों पर तीन साल का ब्रेक लगा दिया है?
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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2025 में तेजस्वी यादव को महागठबंधन का नेतृत्व करने का ऐलान करके बड़ा सियासी दांव चला है. नीतीश ने एक तरह से 2024 चुनाव के अपनी दावेदारी भी जता दी है और तेजस्वी यादव के मुख्यमंत्री बनने के अरमानों पर 2025 तक के लिए ब्रेक लगा दिया है.
बिहार की सियासत के नीतीश कुमार मंझे हुए खिलाड़ी है. वक्त की नजाकत और सियासी नब्ज को बाखूबी जानते हैं. यही वजह है कि दो दशक से वह बिहार की सत्ता की धुरी बने हुए हैं. इसी साल अगस्त में बीजेपी साथ छोड़कर नीतीश कुमार ने महागठबंधन के साथ सरकार बना ली, लेकिन आरजेडी के कई बड़े नेता पिछले कुछ दिनों से तेजस्वी यादव की ताजपोशी बिसात बिछाने में जुटे थे.
आरजेडी के नेता लगातार कह रहे थे कि नीतीश कुमार को चाहिए कि सीएम की कुर्सी तेजस्वी यादव को सौंपकर 'दिल्ली कूच' करे. सियासत के माहिर नीतीश कुमार ने तीन दिनों में ऐसी तीन चालें चली कि तेजस्वी यादव को सीएम की कुर्सी से तीन साल के लिए दूर कर दिया और खुद को 2024 के चुनाव के लिए भी पेश कर दिया. इस तरह से तेजस्वी को 2025 तक बिहार के सत्ता सिंहसान पर बैठने के लिए इंतजार करना होगा?
बिहार की स्टेट पॉलिटिक्स से नेशनल पॉलिटिक्स की तरह कदम बढ़ा रहे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक साथ डेढ़ साल बाद होने वाले लोकसभा और 2025 के विधानसभा चुनाव के लिए अभी से ही सियासी बिसात बिछानी शुरू कर दी है. इसी कड़ी में उनके द्वारा दिए बयान को देखा जा रहा है. नीतीश कुमार ने महागठबंधन की बैठक में ये ऐलान कर दिया कि साल 2025 के बिहार विधानसभा की कमान तेजस्वी यादव के हाथों में होगी और उन्हीं के नेतृत्व में चुनाव लड़ा जाएगा.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की इन बातों से संकेतों को और बल मिला है कि वह बिहार की कमान तेजस्वी यादव को सौंपकर दिल्ली कूच करने को तैयार हैं. ऐसे में ऐसे में माना जा रहा है कि अगर 2025 में महागठबंधन की जीत होती है तो बिहार में मुख्यमंत्री का सेहरा तेजस्वी यादव के सिर ही सजेगा. इस तरह से नीतीश कुमार ने आरजेडी से उठ रही तेजस्वी यादव को सीएम बनाने की उम्मीदवारों पर 2025 के चुनाव तक ब्रेक लगा दिया है.
दरअसल, बिहार में सियासी बदलाव के बाद मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नीतीश कुमार बैठे तो तेजस्वी यादव को डिप्टीसीएम का पद मिला. आरजेडी के पास 80 विधायक हैं और नीतीश कुमार के 43 विधायक हैं. इसी आधार पर आरजेडी के नेता तेजस्वी को सीएम की कुर्सी पर बैठाने की मांग उठाने लगे थे. आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने कह दिया था कि 2023 में नीतीश को बिहार की कमान तेजस्वी यादव को दे देनी चाहिए और 2024 के चुनाव के लिए उन्हें अपना ध्यान लगाए.
वहीं, नीतीश कुमार ने जब नलंदा में एक कार्यक्रम के दौरान यह बयान दिया कि आगे जो भी काम होता उसे तेजस्वी यादव करते रहेंगे तो लगा कि उन्होंने अपनी राजनीतिक विरासत सौंपने की तैयारी कर ली है. ऐसे में नीतीश के बयानों से यह लगने लगा था कि तेजस्वी यादव को शीघ्र सीएम की कुर्सी सौंप देश के पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ 2024 के लिए विपक्षी एकता मुहिम में अपनी सारी ताकत लगाएंगे, लेकिन नीतीश ने तो 2025 में तेजस्वी यादव के नेतृत्व की बात करके आरजेडी के उन अरमानों पर भी ब्रेक लगा दिया, जिसमें बहुत जल्द तेजस्वी को सीएम की कुर्सी पर देखना चाहते थे.
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