
नासिक में 2 अग्निवीरों ने गंवाई जान, ट्रेनिंग में फटा तोप का गोला
AajTak
एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना गुरुवार दोपहर नासिक रोड इलाके में आर्टिलरी सेंटर में हुई. उन्होंने बताया कि विस्फोट में अग्निवीर गोहिल विश्वराज सिंह (20) और सैफत शिट (21) की मौत हो गई. अग्निवीरों की एक टीम भारतीय फील्ड गन से फायरिंग कर रही थी, तभी एक गोला फट गया.
महाराष्ट्र के नासिक जिले में स्थित आर्टिलरी सेंटर में फायरिंग अभ्यास के दौरान भारतीय फील्ड गन से निकले गोले के फटने से दो अग्निवीरों की मौत हो गई. पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. अग्निवीर हैदराबाद से महाराष्ट्र के नासिक के देवलाली में आर्टिलरी स्कूल में प्रशिक्षण के लिए आए थे। सेना ने दुर्घटना के सही कारण का पता लगाने के लिए घटना की जांच के आदेश दिए हैं.
पीटीआई के मुताबिक एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना गुरुवार दोपहर नासिक रोड इलाके में आर्टिलरी सेंटर में हुई. उन्होंने बताया कि विस्फोट में अग्निवीर गोहिल विश्वराज सिंह (20) और सैफत शिट (21) की मौत हो गई. अग्निवीरों की एक टीम भारतीय फील्ड गन से फायरिंग कर रही थी, तभी एक गोला फट गया.
अधिकारी ने बताया कि दोनों घायल हो गए और उन्हें देवलाली के एमएच अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. हवलदार अजीत कुमार की शिकायत के आधार पर देवलाली कैंप पुलिस में आकस्मिक मौत का मामला दर्ज किया गया है और आगे की जांच जारी है.
अग्निपथ योजना के तहत भर्ती होते हैं अग्निवीर
बता दें कि भारत सरकार ने जून 2022 में रक्षा बलों के लिए अग्निपथ भर्ती स्कीम का ऐलान किया था. इसके अंतर्गत भारतीय सैनिकों की भर्ती अब सिर्फ चार साल के लिए की जा रही है. इस योजना में सेना में चार साल के लिए युवाओं की भर्ती का प्रावधान है. साथ ही उन्हें सेवानिवृत्ति के साथ सेवा निधि पैकेज दिए जाने की योजना भी इस स्कीम में शामिल है. इस स्कीम के तहत सेना में शामिल होने वाले को अग्निवीर कहा जाता है.

जम्मू-कश्मीर के 711 अग्निवीर आज भारतीय सेना का हिस्सा बन गए हैं. श्रीनगर स्थित जम्मू कश्मीर लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट सेंटर में इन्हें कठोर प्रशिक्षण दिया गया, जिसके बाद ये अग्निवीर देश की सुरक्षा के लिए सीमाओं पर तैनात होंगे. इससे न केवल भारतीय सेना की क्षमता में वृद्धि हुई है, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा भी मजबूत हुई है.

देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महायुति सरकार ने शुक्रवार को अपने एक साल का सफर तय कर लिया है. संयोग से इस समय महाराष्ट्र में स्थानीय निकायों के चुनाव चल रहे हैं, जिसे लेकर त्रिमूर्ति गठबंधन के तीनों प्रमुखों के बीच सियासी टसल जारी है. ऐसे में सबसे ज्यादा चुनौती एकनाथ शिंदे के साथ उन्हें बीजेपी के साथ-साथ उद्धव ठाकरे से भी अपने नेताओं को बचाए रखने की है.

नो-फ्रिल्स, जीरो कर्ज, एक ही तरह के जहाज के साथ इंडिगो आज भी खड़ी है. लेकिन नए FDTL नियमों और बढ़ते खर्च से उसकी पुरानी ताकत पर सवाल उठ रहे हैं. एयर इंडिया को टाटा ने नया जीवन दिया है, लेकिन अभी लंबी दौड़ बाकी है. स्पाइसजेट लंगड़ाती चल रही है. अकासा नया दांव लगा रही है. इसलिए भारत का आसमान जितना चमकदार दिखता है, एयरलाइन कंपनियों के लिए उतना ही खतरनाक साबित होता है.










