
नए साल का जश्न तो होगा लेकिन पाबंदियों के साथ, जानिए चेन्नई-मुंबई में पुलिस की पूरी तैयारी
AajTak
नए साल के मौके पर एक बार फिर कई जगहों पर बड़ी पार्टियों की तैयारी कर ली गई है. लेकिन कोई नियम ना टूटे और स्थिति कंट्रोल में रहे, इसलिए मुंबई और चेन्नई पुलिस की तरफ से गाइडलाइन तैयारी कर ली गई है. कुछ पाबंदियां भी लगाई गई हैं और कुछ नसीहत देने का काम भी हुआ है.
नए साल पर जश्न को लेकर लोगों में अभी से उत्साह देखने को मिल रहा है. कोरोना की पाबंदियां कम हो चुकी हैं, ऐसे में लोग पार्टी करने को ज्यादा उत्साहित हैं. लेकिन इस बार भी कई राज्यों में अलग-अलग स्तर की पाबंदी रहने वाली है. यानी कि 31 दिसंबर की रात और एक जनवरी को कई जगहों पर खुलकर पार्टी नहीं की जाएगी. चेन्नई और मुंबई पुलिस ने तो अपनी तरफ से विस्तृत जानकारी साझा कर दी है.
चेन्नई पुलिस क्यों कर रही इतनी सख्ती?
चेन्नई पुलिस ने तो इस बार Zero Fatality Night का लक्ष्य रखा है, यानी कि जश्न वाले दिन किसी की भी मौत ना हो. पुलिस की तरफ से लोगों से अपील की गई है कि वे रोड पर बड़ी संख्या में इकट्ठा ना हों, वे मरीना और Elliots बीच पर भी किसी तरह का जश्न ना मनाएं. बताया गया है कि तमाम बीचों पर कड़ी सुरक्षा रखी जाएगी और जगह-जगह बैरिकेडिंग होगी, ऐसे में किसी को भी देर रात बीच जाने नहीं दिया जाएगा. जानकारी मिल रही है कि 31 की रात को करीब 90 हजार पुलिसकर्मी और 10 हजार होम गार्ड जमीन पर मुस्तैदी से ड्यूटी करने वाले हैं. नियमित रूप से गाड़ियों की चेकिंग भी की जाएगी, ऐसे में घर में रह परिवार के साथ नया साल मनाने की अपील की गई है.
पार्टी करने का क्या समय है?
हर साल नए साल की पार्टी पर नशे के बाद कई युवक रैश ड्राइविंग भी करते हैं. इस बार चेन्नई पुलिस उन युवकों पर भी नकेल कसने जा रही है. पुलिस ने जोर देकर कहा है कि अगर कोई नशे की हालत में ड्राइव करेगा तो उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा और उसकी गाड़ी को भी अपने कब्जे में लिया जाएगा. नशे की स्थिति में युवकों को एक QR Code इस्तेमाल करने की नसीहत दी गई है जिससे उबर की गाड़ी मौके पर पहुंच उन्हें उनके घर तक पहुंचा देगी. इस बार कुछ और नियमों में बदलाव करते हुए चेन्नई पुलिस ने पार्टी के समय को 31 दिसंबर की शाम 6 बजे से रात 1 बजे तक कर दिया है.
मुंबई में भी पुलिस मुस्तैद

आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है. यानी दोनों देशों का संबंध एक ऐसा अटल सत्य है, जिसकी स्थिति नहीं बदलती. सवाल ये है कि क्या पुतिन का ये भारत दौरा भारत-रूस संबंधों में मील का पत्थर साबित होने जा रहा है? क्या कच्चे तेल जैसे मसलों पर किसी दबाव में नहीं आने का दो टूक संकेत आज मिल गया? देखें हल्ला बोल.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर में जमा पैसा देवता की संपत्ति है और इसे आर्थिक संकट से जूझ रहे सहकारी बैंकों को बचाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें थिरुनेल्ली मंदिर देवस्वोम की फिक्स्ड डिपॉजिट राशि वापस करने के निर्देश दिए गए थे. कोर्ट ने बैंकों की याचिकाएं खारिज कर दीं.

देश की किफायत विमानन कंपनी इंडिगो का ऑपरेशनल संकट जारी है. इंडिगो को पायलट्स के लिए आए नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों को लागू करने में भारी दिक्कत आ रही है. इस बीच आज इंडिगो की 1000 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हो गई है, जिस पर कंपनी के सीईओ का पहला बयान सामने आया है. इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने इंडिगो ऑपरेशनल संकट पर पहली बार बयान देते हुए कहा कि पिछले कुछ दिनों से विमानन कंपनी के कामकाज में दिक्कतें आ रही हैं. कंपनी का कामकाज पांच दिसंबर को सबसे अधिक प्रभावित हुआ है. आज 100 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हुई हैं.

संसद के शीतकालीन सत्र में 8 और 9 दिसंबर 2025 को राष्ट्रगीत वंदे मातरम् पर दोनों सदनों में विशेष चर्चा होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री इस चर्चा को संबोधित करेंगे. चर्चा का उद्देश्य वंदे मातरम् के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान, ऐतिहासिक महत्व और वर्तमान प्रासंगिकता को उजागर करना है.

भारत-रूस बिजनेस फोरम में पीएम मोदी ने कहा कि भारत और रूस के बीच संबंध मजबूत हो रहे हैं और दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण लक्ष्यों को निर्धारित किया है. राष्ट्रपति पुतिन के साथ चर्चा में यह स्पष्ट हुआ कि व्यापार लक्ष्य समय से पहले पूरा किया जाएगा. कई क्षेत्रों जैसे लॉजिस्टिक्स, कनेक्टिविटी, मरीन प्रोडक्ट्स, ऑटोमोबाइल, फार्मा, और टेक्सटाइल में सहयोग को आगे बढ़ाया जा रहा है.

जम्मू-कश्मीर के 711 अग्निवीर आज भारतीय सेना का हिस्सा बन गए हैं. श्रीनगर स्थित जम्मू कश्मीर लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट सेंटर में इन्हें कठोर प्रशिक्षण दिया गया, जिसके बाद ये अग्निवीर देश की सुरक्षा के लिए सीमाओं पर तैनात होंगे. इससे न केवल भारतीय सेना की क्षमता में वृद्धि हुई है, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा भी मजबूत हुई है.







