
दुनिया में चार मोर्चों पर चल रही जंग, क्या कर रहा है UNSC? क्यों फेल होता दिख रहा शांति के लिए बना 'पहरेदार'
AajTak
युद्ध के इस दौर में सवाल यह भी उठ रहे हैं कि जिस शांति की स्थापना के लिए वैश्विक निकाय संयुक्त राष्ट्र या संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की स्थापना हुई थी, वो इस युद्ध के दौर में क्या कर रहा है, और उसकी भूमिका कितनी असरदारक रही है?
ईरान ने शनिवार आधी रात में 300 से अधिक बैलिस्टिक मिसाइलों और ड्रोन के जरिए इजरायल पर हमला कर दिया. इजरायल का दावा है कि उसकी रक्षा प्रणाली आयरन डोम ने सभी मिसाइलों को नष्ट कर दिया. वहीं अमेरिका और ब्रिटेन ने भी कुछ ईरानी मिसाइलों को मार गिराया. ईरान के इस कदम के बाद दुनिया में जंग के विभिन्न मोर्चे खुल गए हैं और वैश्विक जगत जंग के इस दौर में अलग-अलग हिस्सों में बंटता दिख रहा है.
विश्व में जंग के चार मोर्चे खुल गए हैं जिनमें रूस और यूक्रेन में पहले से ही जंग चल रही है, तो वहीं इजरायल एक तरफ हमास से लड़ रहा है तो दूसरी तरफ अब ईरान सामने है. वहीं यमन में सऊदी अरब की ईरान से अलग लड़ाई है. युद्ध के इस दौर में सवाल यह भी उठ रहे हैं कि जिस शांति की स्थापना के लिए वैश्विक निकाय संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की स्थापना हुई थी, वो इस युद्ध के दौर में क्या कर रहा है, और उसकी भूमिका कितनी असरदारक रही है? इस सवाल का जवाब समझने से पहले यह जान लेते हैं कि विश्व में जंग के चार मोर्चे कैसे खुल गए हैं.
यह भी पढ़ें: आधी रात ईरान ने इजरायल पर किया अटैक, सहम गई दुनिया, आज UNSC की आपात बैठक, नेतन्याहू ने बाइडेन को लगाया फोन
जंग के चार मोर्चे
1-रूस-यूक्रेन युद्ध: यह युद्ध फरवरी 2022 में शुरू हुआ था, जिसमें दोनों पक्षों से अभी तक हजारों लोगों की मौत हो चुकी है. इस युद्ध में यूक्रेन के कई शहर तबाह हो गए वहीं रूस को भी इस दौरान काफी नुकसान का सामना करना पड़ा. इस युद्ध ने लाखों लोगों की जानें ली हैं और दुनियाभर की अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया है. यूक्रेन में लाखों लोगों को बेघर भी होना पड़ा और शहर-के-शहर तबाह कर दिए गए लेकिन युद्ध अभी तक जारी है.
दरअसल, रूस और यूक्रेन के बीच तनाव संबंधों में तनाव 2021 से आना शुरू हो गए थे जिसके बाद साफ हो गया था कि पुतिन कभी भी यूक्रेन पर सैन्य आक्रमण कर सकते हैं. फरवरी 2022 में संकट गहरा गया जब रूस-यूक्रेन की वार्ता विफल हो गई. पुतिन ने 21 फरवरी को यूक्रेन के 2 राज्यों डोनेट्स्क और लुहांस्क को आजाद घोषित कर दिया और दोनों देशों में इससे तनातनी बढ़ गई. यूक्रेन ने तो विरोध किया और उसके साथ में ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, अमेरिका समेत कई देश आ गए. परिणाम यह हुआ कि दोनों देशों में जंग छिड़ गई.

भारत-रूस बिजनेस फोरम में पीएम मोदी ने कहा कि भारत और रूस के बीच संबंध मजबूत हो रहे हैं और दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण लक्ष्यों को निर्धारित किया है. राष्ट्रपति पुतिन के साथ चर्चा में यह स्पष्ट हुआ कि व्यापार लक्ष्य समय से पहले पूरा किया जाएगा. कई क्षेत्रों जैसे लॉजिस्टिक्स, कनेक्टिविटी, मरीन प्रोडक्ट्स, ऑटोमोबाइल, फार्मा, और टेक्सटाइल में सहयोग को आगे बढ़ाया जा रहा है.

जम्मू-कश्मीर के 711 अग्निवीर आज भारतीय सेना का हिस्सा बन गए हैं. श्रीनगर स्थित जम्मू कश्मीर लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट सेंटर में इन्हें कठोर प्रशिक्षण दिया गया, जिसके बाद ये अग्निवीर देश की सुरक्षा के लिए सीमाओं पर तैनात होंगे. इससे न केवल भारतीय सेना की क्षमता में वृद्धि हुई है, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा भी मजबूत हुई है.

देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महायुति सरकार ने शुक्रवार को अपने एक साल का सफर तय कर लिया है. संयोग से इस समय महाराष्ट्र में स्थानीय निकायों के चुनाव चल रहे हैं, जिसे लेकर त्रिमूर्ति गठबंधन के तीनों प्रमुखों के बीच सियासी टसल जारी है. ऐसे में सबसे ज्यादा चुनौती एकनाथ शिंदे के साथ उन्हें बीजेपी के साथ-साथ उद्धव ठाकरे से भी अपने नेताओं को बचाए रखने की है.

नो-फ्रिल्स, जीरो कर्ज, एक ही तरह के जहाज के साथ इंडिगो आज भी खड़ी है. लेकिन नए FDTL नियमों और बढ़ते खर्च से उसकी पुरानी ताकत पर सवाल उठ रहे हैं. एयर इंडिया को टाटा ने नया जीवन दिया है, लेकिन अभी लंबी दौड़ बाकी है. स्पाइसजेट लंगड़ाती चल रही है. अकासा नया दांव लगा रही है. इसलिए भारत का आसमान जितना चमकदार दिखता है, एयरलाइन कंपनियों के लिए उतना ही खतरनाक साबित होता है.









