
दिल्ली-NCR में आ गई गुलाबी सर्दी...हवा में सांस लेना मुश्किल, कब तक छाया रहेगा ये स्मॉग
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दिल्ली-एनसीआर में आज यानी 13 नवंबर की सुबह से ही धुंध छाई हुई है और गुलाबी ठंड का अहसास हो रहा है. मौसम विभाग ने इस स्मॉग का कारण हिमालय क्षेत्र में बने एक्टिव वेस्टर्न डिस्टर्बेंस को बताया है. वहीं, दिल्ली का प्रदूषण भी इस धुंध के लिए जिम्मेदार बताया जा रहा है.
दिल्ली-एनसीआर में आज सुबह से ही धुंध छाई हुई है और ठंड भी महसूस की जा रही है. मौसम विभाग की मानें तो दिल्ली और इसके आसपास के क्षेत्रों में फॉग और स्मॉग के कारण विजिबिलिटी कम हुई है. दरअसल, उत्तर भारत में अचानक छाए घने कोहरे और धुंध की वजह हिमालय क्षेत्र में एक्टिव वेस्टर्न डिस्टर्बेंस है. वेस्टर्न डिस्टर्बेंस की वजह से हवा की दिशा पश्चिम से पूर्व की तरफ चलने लगी है, जिससे अब तक पाकिस्तान और पंजाब के ऊपर जमा हुआ प्रदूषण दिल्ली की तरफ रुख कर गया है. जब धुआं और धूल साथ होते हैं और तापमान गिरता है तो आद्रता उसके आस-पास इकट्ठा होकर धुंध यानी कोहरे का रूप ले लेती है.दिल्ली में कब तक छाया रहेगा स्मॉग? मौसम विभाग के मुताबिक, दोपहर तक कोहरा छंटने की संभावना है. वहीं, शहरी ऊष्मा द्वीप के साथ-साथ निम्न स्तर की सतही हवा इसे दूर जाने में मदद करेगी. इस समय दिल्ली के सफदरजंग जैसे शहरी क्षेत्रों में दृश्यता पहले से ही 400 मीटर तक बढ़ गई है. हालांकि, पंजाब और हरियाणा के कई इलाकों में दोपहर में भी यही स्थिति रहेगी. लेकिन आज शाम या रात को कोहरे की स्थिति फिर से लौट सकती है क्योंकि तापमान फिर से गिर जाएगा.
कोहरा है या स्मॉग? क्या ये ठंड की शुरुआत है, उत्तर भारत में अचानक छाई धुंध का क्या कारण है? मौसम विभाग ने दी ये जानकारी
दिल्ली-एनसीआर की हवा में सांस लेना हुआ मुश्किल
दिल्ली में अचानक हवा की गुणवत्ता के खराब होने से लोगों की चिंता बढ़ गई है. आज बुधवार सुबह कई इलाकों में वास्तविक समय प्रदूषण "सीवियर" या "खतरनाक" श्रेणी में पहुंच गया है. जिससे नागरिकों को सतर्कता की आवश्यकता बढ़ गई है. नई दिल्ली और साउथ दिल्ली के प्रदूषण मापने वाले स्टेशनों ने दर्शाया कि धूलकण के दोनों प्रकार, PM2.5 और PM10, निर्धारित मानकों से 10 गुना से 20 गुना तक अधिक हो गए हैं.
हालांकि, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने जो आंकड़े जारी किए हैं, उसमें हवा की क्वालिटी अब भी "बेहद खराब" श्रेणी में बताई जा रही है. इसका कारण यह है कि ये आंकड़े 24 घंटे के औसत पर आधारित होते हैं. बीते मंगलवार को हवा की गुणवत्ता अपेक्षाकृत बेहतर थी, जिसके चलते बुधवार सुबह का 24 घंटे का औसत AQI बहुत ज्यादा चिंताजनक नजर नहीं आ रहा है.
लेकिन असल में अगर कोई व्यक्ति बाहर जाता है तो उसे इसके तत्काल प्रभाव का सामना करना पड़ सकता है. विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि दिल्ली के निवासी वास्तविक समय प्रदूषण स्तर को ध्यान में रखते हुए सावधानी बरतें. मास्क पहनना, बाहर कम घूमना और एयर प्यूरीफायर का उपयोग जैसी सावधानियां अपनाकर प्रदूषण के हानिकारक प्रभाव से बचा जा सकता है.

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