दिल्ली में सोलो एग्जीबिशन का आगाज, आर्टिस्ट परेश मैती की कला प्रदर्शन
AajTak
दिल्ली स्थित बिकानेर हाउस में इस एग्जीबिशन का आयोजन किया जा रहा है, जो 18 नवंबर तक चलेगी. परेश मैती इसमें करीब 40 साल के अपने पूरे काम का प्रदर्शन कर रहे हैं. इस प्रदर्शनी का आयोजन चार प्रमुख शहरों- दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और बेंगलुरु में किया जाएगा. 5 महीने के दौरान मैती अपनी कलाकारी का प्रदर्शन करेंगे.
जाने-माने समकालीन आर्टिस्ट (Contemporary Artist) परेश मैती ने आज 5 नवंबर शाम 6 बजे से एक बड़ी सोलो एग्जीबिशन (एकल प्रदर्शनी) का आगाज किया है. दिल्ली स्थित बिकानेर हाउस में इस एग्जीबिशन का आयोजन किया जा रहा है, जो 18 नवंबर तक चलेगी. परेश मैती इसमें करीब 40 साल के अपने पूरे काम का प्रदर्शन कर रहे हैं. इस प्रदर्शनी का आयोजन चार प्रमुख शहरों- दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और बेंगलुरु में किया जाएगा. 5 महीने के दौरान मैती अपनी कलाकारी का प्रदर्शन करेंगे.
दिल्ली स्थित आर्ट अलाइव गैलरी द्वारा प्रस्तुत मैती की एकल प्रदर्शनी, 'इनफिनिट लाइट' को 11 नवंबर से इंडिया हैबिटेट सेंटर (आईएचसी) में भी प्रदर्शित किया जाएगा. शो के बारे में बात करते हुए क्यूरेटोरियल एडवाइडर और कवि रंजीत होसकोटे ने बताया कि प्रदर्शनी में मैती के "पेंटिंग, ड्राइंग, मूर्तिकला में योगदान के साथ-साथ सिरेमिक में उनकी कलाकारी को दर्शाया गया है. इनमें से प्रत्येक रूप में, मैती ने परिदृश्य और नदियों के दृश्य, भारत और दुनिया भर में अपनी यात्रा के दौरान अवशोषित की गई संवेदनाओं और दुनिया के बदलते मिजाज व मौसमों का बहुत की खूबसूरती से अपनी कला में दर्शाया है."
वहीं इसके बारे में मैती ने बताया कि मेरे काम में सबसे महत्वपूर्ण प्रेरणा प्रकृति है. यह प्रकृति ही है, जो मैं चित्रकारी करता हूं. एक कलाकार के रूप में मैं देखता हूं और कल्पना करता हूं, जिसकी एक छवि खुद बनती है, जिसे मैं कैनवास पर व्यक्त करता हूं." उन्होंने कहा कि अपने लंबे करियर के दौरान उन्होंने अपने विषयों को देखने का तरीका बदल दिया है और उनकी रचनाओं में अतिसूक्ष्मवाद की भावना आ गई है. जीवन में, जब हम जो देखते हैं, उसे कैप्टर करने की कोशिश करते हैं, हम परिवर्तनों को देखने के अपने तरीके को भी बदलते रहते हैं. जिस तरह से मैंने 30 साल पहले एक परिदृश्य (Landscape) को देखा था, अब मैं वैसे नहीं देखता हूं.

आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है. यानी दोनों देशों का संबंध एक ऐसा अटल सत्य है, जिसकी स्थिति नहीं बदलती. सवाल ये है कि क्या पुतिन का ये भारत दौरा भारत-रूस संबंधों में मील का पत्थर साबित होने जा रहा है? क्या कच्चे तेल जैसे मसलों पर किसी दबाव में नहीं आने का दो टूक संकेत आज मिल गया? देखें हल्ला बोल.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर में जमा पैसा देवता की संपत्ति है और इसे आर्थिक संकट से जूझ रहे सहकारी बैंकों को बचाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें थिरुनेल्ली मंदिर देवस्वोम की फिक्स्ड डिपॉजिट राशि वापस करने के निर्देश दिए गए थे. कोर्ट ने बैंकों की याचिकाएं खारिज कर दीं.

देश की किफायत विमानन कंपनी इंडिगो का ऑपरेशनल संकट जारी है. इंडिगो को पायलट्स के लिए आए नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों को लागू करने में भारी दिक्कत आ रही है. इस बीच आज इंडिगो की 1000 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हो गई है, जिस पर कंपनी के सीईओ का पहला बयान सामने आया है. इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने इंडिगो ऑपरेशनल संकट पर पहली बार बयान देते हुए कहा कि पिछले कुछ दिनों से विमानन कंपनी के कामकाज में दिक्कतें आ रही हैं. कंपनी का कामकाज पांच दिसंबर को सबसे अधिक प्रभावित हुआ है. आज 100 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हुई हैं.

संसद के शीतकालीन सत्र में 8 और 9 दिसंबर 2025 को राष्ट्रगीत वंदे मातरम् पर दोनों सदनों में विशेष चर्चा होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री इस चर्चा को संबोधित करेंगे. चर्चा का उद्देश्य वंदे मातरम् के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान, ऐतिहासिक महत्व और वर्तमान प्रासंगिकता को उजागर करना है.

भारत-रूस बिजनेस फोरम में पीएम मोदी ने कहा कि भारत और रूस के बीच संबंध मजबूत हो रहे हैं और दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण लक्ष्यों को निर्धारित किया है. राष्ट्रपति पुतिन के साथ चर्चा में यह स्पष्ट हुआ कि व्यापार लक्ष्य समय से पहले पूरा किया जाएगा. कई क्षेत्रों जैसे लॉजिस्टिक्स, कनेक्टिविटी, मरीन प्रोडक्ट्स, ऑटोमोबाइल, फार्मा, और टेक्सटाइल में सहयोग को आगे बढ़ाया जा रहा है.

जम्मू-कश्मीर के 711 अग्निवीर आज भारतीय सेना का हिस्सा बन गए हैं. श्रीनगर स्थित जम्मू कश्मीर लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट सेंटर में इन्हें कठोर प्रशिक्षण दिया गया, जिसके बाद ये अग्निवीर देश की सुरक्षा के लिए सीमाओं पर तैनात होंगे. इससे न केवल भारतीय सेना की क्षमता में वृद्धि हुई है, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा भी मजबूत हुई है.







