
दिल्ली के सर्द मौसम में सियासी पारा गर्म... किसे मिलेगा शुभ विजय मुर्हूत में नामांकन का फल?
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दिल्ली में नामांकन के लिए अभी दो दिन बाकी हैं, लेकिन बुधवार को 235 उम्मीदवारों ने नामांकन किया. सुबह कुछ ऐसी थी कि धुंध का डेरा, सरसराती शीतलहर और जोरदार सर्दी का कहर था. मगर इस धुंध के बीच जीत के सपने का संसार समाया था. सियासतदानों की आंखों में धुंध में भले ही कुछ न दिख रहा हो, मगर चुनावी जंग में उतरे योद्धाओं को अपनी नामांकन के बाद अपनी जीत का ख्वाब जरूर दिख रहा था.
दिल्ली के सर्द मौसम में सियासत का पारा हाई है. विधानसभा चुनाव में कुछ ही समय बचा है. इसके मद्देनजर सभी पार्टियां जोर-शोर से तैयारियों में जुटी हैं. उम्मीदवारों के नामों का ऐलान हो चुका है और अब नामांकन की प्रक्रिया चालू है. इस बीच बुधवार को विजय मुहूर्त के मौके पर नामांकन की झड़ी लग गई. बीजेपी हो AAP या फिर कांग्रेस के नेता... ताबड़तोड़ नामांकन हुए. लेकिन सियासत का एक कड़वा सच ये भी है कि यहां जीतना सिर्फ एक को है. ऐसे में विजय मुहूर्त किसको फलेगा? ये भी समझना जरूरी है.
दरअसल, दिल्ली में नामांकन के लिए अभी दो दिन बाकी हैं, लेकिन बुधवार को 235 उम्मीदवारों ने नामांकन किया. सुबह कुछ ऐसी थी कि धुंध का डेरा, सरसराती शीतलहर और जोरदार सर्दी का कहर था. मगर इस धुंध के बीच जीत के सपने का संसार समाया था. सियासतदानों की आंखों में धुंध में भले ही कुछ न दिख रहा हो, मगर चुनावी जंग में उतरे योद्धाओं को अपनी नामांकन के बाद अपनी जीत का ख्वाब जरूर दिख रहा था.
शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि का शुभ मुहूर्त
मौका ही ऐसा था. बुधवार से माघ के शुभ महीने की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि लग गई है. केंद्र में बृहस्पति बैठा हुआ है और वृष लग्न है, जिसे स्थिर लग्न माना जाता है. ये भी माना जाता है कि इस तिथि को शुभ मुहूर्त के दौरान किया गया काम सफल होता है. इसीलिए इसी दिन दिल्ली के दंगल में उतरे 'पहलवानों' ने नामांकन करने का फैसला किया.
दिल्ली में गजब की हचलच थी. थे नामांकन के लिए सियासी योद्धा सड़क पर उतरे थे. आप की ओर से केजरीवाल, आतिशी, सिसोदिया से लेकर सौरभ भारद्वाज, गोपाल राय, इमरान हुसैन, संजीव झा तक ने नामांकन किया. वहीं बीजेपी के परवेश वर्मा, रमेश बिधूड़ी, विजेंद्र गुप्ता से लेकर सतीश उपाध्याय तक पर्चा दाखिल कर आए. उधर कांग्रेस में प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र यादव से लेकर तमाम प्रत्याशियों ने नामांकन किया.
लेकिन सबसे पैनी नजर थी अरविंद केजरीवाल पर. वह घर से माता पिता का आशीर्वाद लेकर निकले तो सीधे वाल्मीकि मंदिर पहुंच गए, महर्षि वाल्मीकि की आराधना की, देवी देवताओं का आशीर्वाद लिया, विधि विधान से पूजा पाठ की और फिर ईश्वर की छपी तस्वीरों वाला झंडा लहराया. इस दौरान उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल भी उनके साथ थीं.

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