दारोगा ने चालान काटा तो भड़का लाइनमैन, थाने समेत 12 सरकारी आवासों की काट दी बिजली
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बिजली विभाग आम उपभोक्ताओं को लेकर सख्त रहता है, थोड़ी गलती पर भी आम उपभोक्ताओं को भारी जुर्माना के साथ मुकदमा झेलना पड़ता है, लेकिन कुंवरगांव थाने के कार्यालय के नाम से महज दो किलो वाट का कनेक्शन है जबकि सरकारी आवासों को अवैध तरीके से बिजली आपूर्ति दी जा रही है.
पुलिस और दूसरे विभागों के कर्मचारियों के बीच विवाद के कई मामले सामने आ चुके हैं, लेकिन जो बदायूं में हुआ वह बेहद चौंकाने वाला था. यह विवाद पुलिस और बिजली विभाग के कर्मचारियों से जुड़ा हुआ है.
बिजली विभाग के कुछ कर्मचारी बाइक से सप्लाई ठीक करने जा रहे थे. हेलमेट न लगे होने की वजह से पुलिस ने लाइनमैन को रास्ते में रोक कर उससे गाड़ी के कागजात मांगे. कागजात अधूरे होने पर पुलिस ने लाइनमैन का चालान काट दिया.
बाइक का चालान होते ही लाइनमैन नाराज हो गया और अपने कर्मचारियों के साथ सीधे थाने पहुंच गया. चालान का बदला लेने के लिए लाइनमैन ने थाने का बिजली कनेक्शन काट दिया, जिससे थाने में अंधेरा हो गया.
इसके अलावा अन्य 12 सरकारी आवासों का भी कनेक्शन काट दिया जो कि अवैध रूप से चल रहा था. हालांकि इसके बाद इंस्पेक्टर और एसडीओ के बीच बातचीत हुई जिसके बाद बिजली बहाल हो गयी.
दरअसल विद्युत उपकेंद्र कुंवरगांव में अजय कुमार संविदा पर बहाल किए गए बिजली कर्मचारी हैं. वह बाइक से एक सप्लाई लाइन को ठीक करने के लिए जा रहा थे. रास्ते में कैली मोड़ पर दारोगा रामनरेश पुलिस टीम के साथ वाहनों की चेकिंग कर रहे थे.
उन्होंने अजय कुमार की बाइक रोक ली और कागजात दिखाने को कहा. जांच में बाइक के कागज आधे अधूरे पाए गए. संविदा कर्मचारी ने हेलमेट भी नहीं पहना था. इसके बाद दारोगा ने हेलमेट न होने के एवज में कर्मचारी का चालान कर दिया.