
दक्षिण अफ्रीकाः पूर्व राष्ट्रपति को जेल की सजा, सहारनपुर के गुप्ता बंधुओं से रहे हैं रिश्ते
AajTak
दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा को 15 महीने की जेल की सजा सुनाई गई है. दक्षिण अफ्रीका के सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा को अदालत की अवमानना को लेकर यह सजा सुनाई है.
दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा को 15 महीने की जेल की सजा सुनाई गई है. दक्षिण अफ्रीका के सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा को अदालत की अवमानना को लेकर यह सजा सुनाई है. पिछले साल नवंबर में जांच आयोग के समक्ष सुनवाई का बहिष्कार करने और फिर इसमें शामिल होने से इनकार करने के लिए उन्हें सजा सुनाई गई है. जैकब जुमा के भारत में सहारनपुर के गुप्ता बंधुओं से भी रिश्ते रहे हैं, जिनके खिलाफ दक्षिण अफ्रीका में भ्रष्टाचार को लेकर जांच चल रही है. (फोटो-Getty Images) दक्षिण अफ्रीका के सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि सजा निलंबित नहीं की जा सकती है. तमाम संस्थानों में भ्रष्टाचार और रिश्वत के आरोपों की जांच कर रहे आयोग ने कहा था कि जैकब जुमा को दो वर्ष कैद की सजा दी जाए. (फोटो-Getty Images)
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के 'वर्ल्ड एक्सक्लूसिव' इंटरव्यू में दुनिया के बदलते समीकरणों और भारत के साथ मजबूत संबंधों के भविष्य पर खुलकर बात की. पुतिन ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी किसी के दबाव में काम नहीं करते. उन्होंने भारत को विश्व विकास की आधारशिला बताया और स्पेस, न्यूक्लियर तकनीक समेत रक्षा और AI में साझेदारी पर जोर दिया.

पुतिन ने कहा कि अफगानिस्तान की सरकार ने बहुत कुछ किया है. और अब वो आतंकियों और उनके संगठनों को चिह्नि्त कर रहे हैं. उदाहरण के तौर पर इस्लामिक स्टेट और इसी तरह के कई संगठनों को उन्होंने अलग-थलग किया है. अफगानिस्तान के नेतृत्व ने ड्रग्स नेटवर्क पर भी कार्रवाई की है. और वो इस पर और सख्ती करने वाले हैं. सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि वहां जो होता है उसका असर होता है.

भारत दौरे से ठीक पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक को दिए अपने 100 मिनट के सुपर एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में भारत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, G8 और क्रिमिया को लेकर कई अहम बातें कही हैं. इंटरव्यू में पुतिन ने ना सिर्फ भारत की प्रगति की तारीफ की, बल्कि रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाई देने का भरोसा भी जताया.

यूक्रेन युद्ध के बीच पुतिन का आजतक से ये खास इंटरव्यू इसलिए अहम हो जाता है क्योंकि इसमें पहली बार रूस ने ट्रंप की शांति कोशिशों को इतनी मजबूती से स्वीकारा है. पुतिन ने संकेत दिया कि मानवीय नुकसान, राजनीतिक दबाव और आर्थिक हित, ये तीनों वजहें अमेरिका को हल तलाशने पर मजबूर कर रही हैं. हालांकि बड़ी प्रगति पर अभी भी पर्दा है, लेकिन वार्ताओं ने एक संभावित नई शुरुआत की उम्मीद जरूर जगाई है.









