त्रिपुरा के सीएम बिप्लब देव बोले- लोगों की कमाई बढ़ी इसलिए ज्यादा मछली खा रहे
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बिप्लब देब ने कहा कि राज्य में मछली की खपत बढ़ रही है, जिसका मतलब है कि लोगों की आय बढ़ी है और गरीबी घट रही है. यहां उन्होंने पिछली सरकार की आलोचना भी की.
त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने बुधवार को कहा कि राज्य में मछली की खपत में वृद्धि इस बात का संकेत है कि लोगों की आय में वृद्धि हुई है. त्रिपुरा में मछली की खपत वित्तीय वर्ष 2020-21 में 25.53 प्रतिशत हो गई है जबकि 2017-18 में ये 24.96 प्रतिशत थी. बता दें कि इस समय राज्य में सालाना 92,500 मीट्रिक टन मछली की खपत होती है. प्रति व्यक्ति मछली की खपत 18 किलोग्राम के राष्ट्रीय औसत के मुकाबले 25 किलोग्राम है. कुल खपत का लगभग 23 प्रतिशत राज्य के बाहर से आता है. मत्स्य विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा, "राज्य में मछली की खपत बढ़ रही है, जिसका मतलब है कि लोगों की आय बढ़ी है और गरीबी घट रही है." कार्यक्रम में मत्स्य पालन मंत्री मेवर कुमार जमातिया भी मौजूद थे. देब ने कहा कि उनकी सरकार मछली किसानों के कल्याण के लिए काम कर रही है.
उन्होंने कहा कि "त्रिपुरा में, मछली किसानों और सूखी मछली व्यापारियों की संख्या का पता लगाने के लिए एक सर्वेक्षण किया गया था. वर्तमान में, राज्य में 7,482 मछली पालन वाले और सूखी मछली व्यापारी हैं. सरकार की योजना उनमें से 3,000 को अगले तीन वर्षों में ऋण प्रदान करने की है."
मुख्यमंत्री ने राज्य में मछली पालन और इस क्षेत्र से जुड़े लोगों को विकसित करने के लिए कुछ न करने के लिए पिछली सरकार की आलोचना भी की. तत्कालीन सीपीआई (एम) शासन पर कटाक्ष करते हुए, जोर देकर कहा कि "जिंदाबाद और मुर्दाबाद" के नारों से राज्य में मछली उत्पादन नहीं बढ़ेगा, केवल वैज्ञानिक तरीकों से ही इस क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा.
एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना आइजोल शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके में मेल्थम और ह्लिमेन के बीच के इलाके में सुबह करीब छह बजे हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि भूस्खलन के प्रभाव के कारण कई घर और श्रमिक शिविर ढह गए, जिसके मलबे के नीचे कम से कम 21 लोग दब गए. अब तक 13 शव बरामद किए जा चुके हैं और आठ लोग अभी भी लापता हैं.