त्रिपुरा का इस्तेमाल मादक पदार्थों के व्यापार में गलियारे के तौर पर किया जा रहा है: सीएम
The Wire
त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने कहा कि राज्य सरकार नशीली दवाओं के ख़तरे की जांच के लिए नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, प्रवर्तन ब्यूरो और राजस्व खुफिया निदेशालय जैसी केंद्रीय एजेंसियों के साथ नियमित समन्वय बनाए हुए है.
अगरतला: असम के गुवाहाटी शहर में रविवार (नौ अक्टूबर) को संपन्न हुई 70वीं पूर्वोत्तर परिषद की बैठक से लौटने के बाद त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने सोमवार को कहा कि उनके राज्य का इस्तेमाल म्यांमार और बांग्लादेश से मादक पदार्थों की तस्करी के ‘गलियारे’ के रूप में किया जा रहा है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, अगरतला के राज्य सचिवालय में पत्रकारों से बात करते हुए साहा ने कहा, ‘हम सभी जानते हैं कि त्रिपुरा मादक पदार्थों की तस्करी का एक गलियारा है. इसका इस्तेमाल म्यांमार से बांग्लादेश में नशीले पदार्थों की तस्करी के लिए किया जा रहा है.’
उन्होंने आगे कहा, ‘गृह मंत्री (अमित) शाह ने इस समस्या पर गंभीरता दिखाई है और कहा है कि भारतीय जमीन नशीले पदार्थों की तस्करी के लिए इस्तेमाल नहीं होनी चाहिए, क्योंकि हथियार और गोला-बारूद भी ड्रग्स के साथ आ सकते हैं.’
उन्होंने यह भी कहा कि कोडीन वाली प्रतिबंधित कफ सीरप कॉट्राबैंड की तस्करी उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल से त्रिपुरा के रास्ते बांग्लादेश में की जा रही है.