‘ताजमहल की ज़मीन के एवज में शाहजहां ने जयपुर के राजपरिवार को हवेलियां दी थीं’
The Wire
देश में स्मारकों को लेकर किए जा रहे दावों के बीच राजसमंद से भाजपा सांसद और जयपुर के राजघराने की सदस्य दिया कुमारी ने ताजमहल पर अपनी मिल्कियत का दावा किया है. लेखक और ब्लॉगर राना सफ़वी बताती हैं कि इस बात के पुख़्ता प्रमाण मौजूद हैं कि ताज की ज़मीन के बदले शाही परिवार को चार हवेलियां दी गई थीं.
नई दिल्ली: क्या ताजमहल के बंद कमरों में हिंदू मूर्तियां हैं? क्या वह भूमि जिस पर यह मकबरा खड़ा है, जयपुर के राजपरिवार के स्वामित्व की है? इन सवालों ने हाल ही में मीडिया का ध्यान आकर्षित किया और एक बार फिर 17 वीं शताब्दी में सम्राट शाहजहां द्वारा अपनी पत्नी मुमताज महल के लिए बनाए गए मकबरे पर संदेह पैदा कर दिया.
द वायर के संस्थापक संपादकों में से एक सिद्धार्थ भाटिया ने इस बारे में लेखक और ब्लॉगर राना सफवी से चर्चा की है.
बातचीत के दौरान सफ़वी ने इस स्मारक में मूर्तियां क्यों नहीं हो सकतीं और इस जमीन का इतिहास क्या है, सरीखे सवालों के जवाब दिए. सफवी ने अकादमिक और ऐतिहासिक स्रोतों का हवाला देते हुए ताजमहल पर विस्तार से लिखा है. वे भारतीय संस्कृति से संबंधित आठ किताबें लिख चुकी हैं.
ताजमहल के नीचे के बंद कमरों में मूर्तियां बंद होने के दावे को लेकर सफ़वी ने कहा कि ये नए नहीं हैं. पीएन ओक के अस्सी के दशक में यह दावा करने और उसका मखौल उड़ने के बाद यह जब-तब सामने आता रहा है. तब उनकी बात को किसी ने गंभीरता से नहीं लिया था, लेकिन अब वॉट्सऐप पर जनता इसे ही सच मान रही है.