
डोनाल्ड ट्रंप को समझना तो मुश्किल है ही, सीजफायर और टैरिफ के संबंध को समझना तो नामुमकिन है
AajTak
ट्रंप की नीतियां और बयान अक्सर विरोधाभासी प्रतीत होते हैं, जिसके चलते लोगों को उन्हें समझना मुश्किल हो गया है. ट्रंप का व्यवहार, जैसे मध्य पूर्व में डील-मेकिंग (जैसे, इजरायल-हमास युद्धविराम की मध्यस्थता) से लेकर व्यापार युद्ध (चीन पर टैरिफ), उनके फैसलों को अनिश्चित बनाता है. भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर को टैरिफ कूटनीति से जोड़कर तो उन्होंने हद ही कर दी है.
डोनॉल्ड ट्रंप दुनिया के सबसे ताकतवर देश के राष्ट्र प्रमुख हैं. उनके हाथ में असीम शक्तियां हैं. पर दुनिया में उनकी हरकतों के चलते उन्हें अविश्वसनीय, अप्रत्याशित और कुछ भी फैसला ले लेने वाले एक ऐसे राष्ट्राध्यक्ष के रूप में समझने लगी है जिसके चलते न तो विश्व सुरक्षित है, और न ही अमेरिका. उनकी टैरिफ नीतियों के बारे में कहा जाता है कि अमेरिका तो बर्बाद होगा ही पूरी दुनिया की लंका लग सकती है. उनकी दोस्ती के मायने ये हैं कि दुनिया के सबसे अमीर आदमी एलॉन मस्क तक उनसे रूठ चुके हैं और दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का सबसे लोकप्रिय नेता भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अब उनके प्यारे दोस्त शायद ही रहें.
दरअसल डोनाल्ड ट्रंप की राजनीतिक शैली अप्रत्याशित, ध्रुवीकरण करने वाली और रणनीतिक रूप से अस्पष्ट रही है. उनकी नीतियां और बयान अक्सर विरोधाभासी प्रतीत होते हैं, जो उन्हें समझना मुश्किल बनाता है. इसी तरह ट्रंप का व्यवहार, जैसे मध्य पूर्व में डील-मेकिंग (जैसे, इजरायल-हमास युद्धविराम की मध्यस्थता) से लेकर व्यापार युद्ध (चीन पर टैरिफ), उनके फैसलों को अनिश्चित बनाता है. उदाहरण के लिए, 2024 में उन्होंने इजरायल-हमास संघर्ष में मध्यस्थता की पेशकश की, लेकिन साथ ही इजरायल को जल्दी खत्म करने की सलाह दी, जो परस्पर विरोधी संदेश देता है. ट्रंप अक्सर अपने बयानों को जानबूझकर अस्पष्ट रखते हैं, ताकि वह विभिन्न पक्षों को प्रभावित कर सकें.
हद तो उन्होंने तब कर दी जब वो भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर कराने का श्रेय लेने लगे. उन्होंने करीब एक दर्जन बार ये कहा कि अमेरिका ने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध को रोककर दुनिया को परमाणु युद्ध से बचा लिया है. भारत के बार-बार इससे इनकार के बावजूद अपनी बात वो करते रहे हैं. हालांकि एक बार उन्होंने यह भी कहा कि सीजफायर उन्होंने नहीं कराया पर उन्होंने इसके लिए कोशिश की. लेकिन हद तो तब हो गई जब उन्होंने टैरिफ के समर्थन में तर्क देने के लिए भारत-पाक के सीजफायर कराने की बात रख दी.
ट्रंप सरकार में वाणिज्य मंत्री हॉवर्ड लुटनिक ने अमेरिकी कोर्ट के समक्ष अपने बयान में कहा है कि टैरिफ की मदद से ही भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर कराने में मदद मिली. ट्रंप ने दोनों देशों को ट्रेड का ऑफर दिया, जिससे एक पूर्ण युद्ध की स्थिति से बचाया गया. लेकिन कोर्ट के इस फैसले की वजह से राष्ट्रपति ट्रंप की शक्तियों को सीमित करता है, जिससे भारत और पाकिस्तान ट्रंप के ऑफर की वैधता पर सवाल उठा सकते हैं, जिसेस पूरे क्षेत्र में लाखों लोगो की जिंदगियों की सुरक्षा को खतरा पहुंच सकता है.
इसके पहले ट्रंप ने अमेरिका-सऊदी इन्वेस्टमेंट फोरम को संबोधित करते हुए कहा था कि कुछ दिन पहले मेरी सरकार ने भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष को रोकने के लिए सीजफायर करवाया. मैंने ट्रेड का बड़े पैमाने पर उपयोग किया. मैंने ट्रेड का हवाला देकर दोनों देशों से कहा कि आओ डील करते हैं. ट्रेड करें, न्यूक्लियर मिसाइल नहीं चलाएं बल्कि ऐसी चीजों का कारोबार करते हैं, जो आप खूबसूरत तरीके से बनाते हैं. दोनों देशों के प्रधानमंत्री ताकतवर हैं, बहुत ताकतवर हैं, अच्छे नेता हैं, स्मार्ट हैं. उन्होंने बात मानकर ये जंग रोक दी.
हालांकि अच्छा ये रहा कि ट्रंप की सीजफायर वाली थियरी पर अमेरिकी कोर्ट ने भी भरोसा नहीं किया. अमेरिका के ट्रेड कोर्ट ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को झटका देते हुए लिबरेशन डे टैरिफ को अवैध बताते हुए इस पर रोक लगा दी है. यह फैसला मैनहट्टन की इंटरनेशनल ट्रेड कोर्ट के तीन जजों के पैनल ने दिया है.

जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'पंद्रह साल पहले, 2010 में, हमारी साझेदारी को स्पेशल प्रिविलेज्ड स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप का दर्जा दिया गया था. पिछले ढाई दशकों में राष्ट्रपति पुतिन ने अपने नेतृत्व और विजन से इस रिश्ते को लगातार आगे बढ़ाया है. हर परिस्थिति में उनके नेतृत्व ने हमारे संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ ग्लोबल सुपर एक्सक्लूसिव बातचीत की. आजतक से बातचीत में राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि मैं आज जो इतना बड़ा नेता बना हूं उसके पीछे मेरा परिवार है. जिस परिवार में मेरा जन्म हुआ जिनके बीच मैं पला-बढ़ा मुझे लगता है कि इन सब ने मिलाकर मुझे वो बनाया है जो आज मैं हूं.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के साथ खास बातचीत में बताया कि भारत-रूस के संबंध मजबूत होने में वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का महत्वपूर्ण योगदान है. पुतिन ने कहा कि वे पीएम मोदी के साथ काम कर रहे हैं और उनके दोस्ताना संबंध हैं. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत को प्रधानमंत्री मोदी के साथ काम करने पर गर्व है और वे उम्मीद करते हैं कि मोदी नाराज़ नहीं होंगे.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास बातचीत की गई है जिसमें उन्होंने रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी की क्षमता और विश्व की सबसे अच्छी एजेंसी के बारे में अपने विचार साझा किए हैं. पुतिन ने कहा कि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी अच्छा काम कर रही है और उन्होंने विश्व की अन्य प्रमुख एजेंसियों की तुलना में अपनी एजेंसी की क्षमता पर गर्व जताया.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.

कनाडा अगले साल PR के लिए कई नए रास्ते खोलने जा रहा है, जिससे भारतीय प्रोफेशनल्स खासकर टेक, हेल्थकेयर, कंस्ट्रक्शन और केयरगिविंग सेक्टर में काम करने वालों के लिए अवसर होंगे. नए नियमों का सबसे बड़ा फायदा अमेरिका में H-1B वीज़ा पर फंसे भारतीयों, कनाडा में पहले से वर्क परमिट पर मौजूद लोगों और ग्रामीण इलाकों में बसने को तैयार लोगों को मिलेगा.







