'डीपफेक पूरी दुनिया के लिए बड़ी चुनौती', GPAI 2023 के उद्घाटन में बोले पीएम नरेंद्र मोदी
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GPAI 2023 समिट को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने AI से डीपफेक और अन्य खामियों को लेकर चिंता जताई. 12 से 14 दिसंबर तक चलने वाला शिखर सम्मेलन में पीएम ने कहा कि डीप फेक पूरी दुनिया के लिए चैलेंज है क्योंकि इसका इस्तेमाल जानबूझकर झूठ फैलाने के लिए किया जा सकता है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को प्रगति मैदान स्थित भारत मंडपम में ग्लोबल पार्टनरशिप ऑन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस समिट समिट (जीपीएआई) 2023 का उद्घाटन किया. समिट को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने AI से डीपफेक और अन्य खामियों को लेकर चिंता जताई. 12 से 14 दिसंबर तक चलने वाला शिखर सम्मेलन में पीएम ने कहा कि डीप फेक पूरी दुनिया के लिए चैलेंज है क्योंकि इसका इस्तेमाल जानबूझकर झूठ फैलाने के लिए किया जा सकता है.
पीएम मोदी ने कहा कि मुझे खुशी है कि अगले साल भारत इस समिट की अध्यक्षता करने जा रहा है. ये समिट एक ऐसे समय हो रही है जब AI को लेकर पूरी दुनिया में बहुत बड़ी डिबेट छिड़ी हुई है. इस डिबेट से पॉजिटिव और निगेटिव हर प्रकार के परिपेक्ष्य सामने आ रहे हैं. इसलिए इस समिट से जुड़े प्रत्येक देश पर बहुत बड़ा दायित्व है.
उन्होंने कहा कि हमें दुनिया को यकीन दिलाना होगा कि AI उनके लाभ के लिए है, उनके भले के लिए है. हमें दुनिया के विभिन्न देशों को ये भी विश्वास दिलाना होगा कि इस तकनीक की विकास यात्रा में किसी को भी पीछे नहीं छोड़ा जाएगा. AI पर विश्वास तब बढ़ेगा जब AI से जुड़े Ethical, Economic और Social Concern पर ध्यान दिया जाएगा. अगर एआई आतंकवादी समूहों के हाथों तक पहुंचता है तो इसका विनाशकारी प्रभाव हो सकता है और दुनिया को इसके बारे में सोचने की जरूरत है.
उन्होंने कहा, "एआई के कई सकारात्मक प्रभाव हैं, लेकिन इसके कई नकारात्मक प्रभाव भी हैं, जो चिंता का विषय है. एआई 21वीं सदी के विकास में सबसे बड़ा उपकरण बन सकता है. लेकिन यह 21वीं सदी को नष्ट करने में भी सबसे बड़ी भूमिका निभा सकता है. डीपफेक पूरी दुनिया के लिए एक चुनौती है. एआई टूल्स का आतंकियों के हाथों में जाना भी एक बड़ा खतरा है. अगर आतंकी संगठनों को एआई हथियार मिल गए तो इसका वैश्विक सुरक्षा पर बहुत बड़ा असर पड़ेगा. हमें योजना बनाने की जरूरत है इससे कैसे निपटें.''
उन्होंने कहा, "एआई में भारत के तकनीकी परिदृश्य में क्रांति लाने की क्षमता है. भारत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जिम्मेदार और नैतिक उपयोग के लिए प्रतिबद्ध है. मुझे बेहद खुशी है कि इस शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता अगले साल भारत में होगी. यह शिखर सम्मेलन ऐसे समय में आयोजित किया जा रहा है जब दुनिया भर में एआई को लेकर बड़ी बहस चल रही है. हमारा प्रयास सामाजिक विकास और समावेशी विकास के लिए एआई की क्षमताओं का पूरा लाभ उठाना है. भारत एआई के जिम्मेदार और नैतिक उपयोग के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है."
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