
ठाणे की 114 साल की विठाबाई पाटिल का निधन... परिवार का दावा- महाराष्ट्र की सबसे वृद्ध महिला थीं
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महाराष्ट्र के ठाणे जिले की विठाबाई दामोदर पाटिल का 114 साल की उम्र में निधन हो गया. उनके परिवार का दावा है कि वह महाराष्ट्र की सबसे वृद्ध महिला थीं, हालांकि इस दावे की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. परिजनों का कहना है कि साल 1911 में शिलगांव कल्याण में जन्मी विठाबाई ने कभी किसी चुनाव में वोट डालना नहीं छोड़ा.
महाराष्ट्र के ठाणे जिले के कोपरीगांव की रहने वाली विठाबाई दामोदर पाटिल का 114 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. उनके परिवार का दावा है कि वह महाराष्ट्र की सबसे वृद्ध महिला थीं, हालांकि इस दावे की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. विठाबाई अपने गांव में इस बात के लिए जानी जाती थीं कि उन्होंने कभी भी चुनावों में मतदान करना नहीं छोड़ा.
एजेंसी के अनुसार, परिवार का कहना है कि विठाबाई का जन्म साल 1911 में ठाणे जिले के कल्याण के पास स्थित शिलगांव में हुआ था. उन्होंने अपने जीवन में एक सदी से अधिक समय देखा और कई पीढ़ियों के बीच रहीं. वे अपने गांव और समुदाय से जुड़ी रहीं और सामाजिक एवं लोकतांत्रिक कर्तव्यों में सक्रिय रहती थीं.
उनके बेटे दिलीप पाटिल ने बताया कि हर साल वह मतदान करने पोलिंग स्टेशन घोड़े पर बैठकर आती थीं. लाइन में खड़े मतदाता उनका अभिवादन करते थे. उनका यह उत्साह और लोकतांत्रिक कर्तव्य के प्रति लगाव उनके व्यक्तित्व में शामिल था. उनके पोते ने बताया कि विठाबाई आगामी ठाणे नगर निगम चुनाव में भी मतदान करना चाहती थीं.
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विठाबाई के परिवार में छह बच्चे, छह बहुएं, पोते-पोतियां और परपोते हैं. परिवार का कहना है कि इतनी उम्र के बावजूद उनकी याददाश्त मजबूत थी. उनकी मौत की खबर से परिजनों व रिश्तेदारों में शोक की लहर दौड़ गई. लोग उन्हें न केवल उनकी लंबी उम्र के लिए याद कर रहे हैं, बल्कि उनके साहस, सामाजिक और लोकतांत्रिक सक्रियता के लिए भी सम्मान दे रहे हैं.
हालांकि उनकी महाराष्ट्र की सबसे वृद्ध महिला होने की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन परिवार का दावा और उनकी जीवनी प्रमाण है कि 100 साल से अधिक उम्र तक जीवित रहना ही असाधारण उपलब्धि है. लोगों का कहना है कि 110 वर्ष से अधिक की आयु तक जीवन बिताना मानव जीवन की दृष्टि से बेहद दुर्लभ है.

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