
ट्रक ड्राइवर को मिल रही 72 लाख सैलरी, कहा- इतना तो मेरा बॉस भी नहीं कमाता
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टेस्को और सेन्सबरी जैसी कंपनियों के रिक्रूटर्स ट्रक ड्राइवरों को अच्छी खासी सैलरी ऑफर कर रहे हैं क्योंकि वहां राष्ट्रीय स्तर पर 100,000 ड्राइवरों की कमी है. इसका मतलब है कि इस पेशे में अनुभवी लोगों को सुपरमार्केट के स्टॉक को बनाए रखने के लिए उनकी सेवाओं के बदले लाखों रुपये वेतन वृद्धि का लालच दिया जा रहा है.
ब्रिटेन के सुपरमार्केट में ट्रक ड्राइवरों को जितनी सैलरी दी जा रही है उतनी हमारे देश में अच्छे-अच्छे इंजीनियरों को भी नहीं मिलती है. जी हां ये बिल्कुल सच है.

भारत और यूरोप के वर्क कल्चर में फर्क को जर्मनी में काम कर रहे भारतीय इंजीनियर कौस्तव बनर्जी ने 'जमीन-आसमान का अंतर] बताया है. उनके मुताबिक, भारत में काम का मतलब अक्सर सिर्फ लगातार दबाव, लंबे घंटे और बिना रुके डिलीवरी से जुड़ा होता है, जबकि जर्मनी और यूरोप में काम के साथ-साथ इंसान की जिंदगी को भी बराबर अहमियत दी जाती है.

देश की सबसे बड़ी एयरलाइन IndiGo का संचालन शनिवार को भी पटरी पर नहीं लौट सका. संकट अब पांचवें दिन में पहुंच गया है और दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु व चेन्नई एयरपोर्ट पर यात्री रातभर अपने उड़ानों का इंतजार करते नजर आए. पिछले चार दिनों में एयरलाइन को 2,000 से अधिक उड़ानें रद्द करनी पड़ी हैं, जिससे करीब तीन लाख से ज्यादा यात्रियों की यात्रा योजनाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं.











