
टोरंटो में खत्म होगा जातिगत भेदभाव! कनाडा के सबसे बड़े स्कूल ने उठाया अहम कदम
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अमेरिका के सिएटल शहर के बाद अब कनाडा के स्कूलों में भी जाति आधारित भेदभाव पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी हो रही है. टोरंटो डिस्ट्रिक्ट स्कूल बोर्ड ने स्वीकार किया है शहर के स्कूलों में जातिगत भेदभाव होते हैं और बोर्ड ने इसे खत्म करने के लिए अहम कदम उठाया है.
पिछले महीने ही अमेरिका के सिएटल शहर ने जाति आधारित भेदभाव पर प्रतिबंध लगा दिया था और ऐसा करने वाल सिएटल अमेरिका का पहला शहर है.अब जातिगत भेदभाव के खिलाफ शुरू हुई यह लड़ाई सिएटल से होते हुए कनाडा के टोरंटो तक पहुंच गई है. टोरंटो में जाति आधारित भेदभाव पर प्रतिबंध लगाने के पक्ष और विरोध में लोग खड़े हो गए हैं. इसे लेकर डिस्ट्रिक्ट स्कूल बोर्ड के बाहर लोगों में बहस भी हुई.
सिएटल का ऐतिहासिक कदम
फरवरी 2023 में सिएटल ने जब जातिगत भेदभाव को प्रतिबंधित किया. इसके बाद भारतीय अमेरिकी नेता एवं अर्थशास्त्री ने सिएटल सिटी काउंसिल में भेदभाव न करने की नीति में जाति को शामिल करने के लिए एक प्रस्ताव पेश किया था, जिसे बाद में पारित कर दिया गया.उच्च जाति के हिंदू, क्षमा सावंत द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव को सिएटल सिटी काउंसिल ने 6/1 वोट से मंजूरी दे दी थी. सिएटल शहर का यह फैसला अमेरिका में जातिगत भेदभाव के मुद्दे पर दूरगामी प्रभाव डाल सकते है.
टोरंटो तक पहुंची बात
सिएटल के बाद टोरंटो डिस्ट्रिक्ट स्कूल बोर्ड (TDSB) के भी अहम कदम उठाया और इस बात को भी स्वीकार किया कि शहर के स्कूलों में जातिगत भेदभाव होते हैं. बोर्ड ने इसे खत्म करने के लिए प्रांतीय मानवाधिकार निकाय की मदद लेने का फैसला लिया है. 8 मार्च को हुई बोर्ड की बैठक में बोर्ड ने मुद्दे का अध्ययन और मूल्यांकन करने के लिए एक तटस्थ पर्यवेक्षक के रूप में इसे ओंटारियो मानवाधिकार आयोग को भेजा. बोर्ड ने माना कि उसके पास इस मुद्दे पर पर्याप्त विशेषज्ञता नहीं है. टीडीएसबी ने यह कदम सिएटल सिटी काउंसिल द्वारा उठाए लिए गए फैसले के बाद उठाया है. सिएटल भारत के बाद ऐसा कदम उठाने वाला दुनिया का पहला शहर बना है.
'छात्रों के हित में'

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