
जिला कोर्ट में चपरासी बना मंत्री का बेटा, भतीजा वेटिंग लिस्ट में, विपक्ष ने उठाए सवाल
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बेरोजगारी को लेकर झामुमो विधायक लोबिन हेंब्रम ने अपने ही सरकार को कठघरे में खड़ा किया. उन्होंने कहा की पार्टी के घोषणा पत्र में हर साल 5 लाख रोजगार देने का वादा था. झारखंड में अलग-अलग स्तर पर करीब 3.5 लाख पद खाली हैं.
झारखंड के श्रम नियोजन सह प्रशिक्षण एवं कौशल विकास मंत्री सत्यानंद भोक्ता के बेटे मुकेश कुमार भोक्ता का चपरासी के पद पर चयन हुआ है. उनका चयन चतरा व्यवहार न्यायालय में चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी के रूप में हुआ है. वहीं मंत्री के भतीजे रामदेव कुमार भोक्ता का नाम वेटिंग लिस्ट में रखा गया है. चतरा व्यवहार न्यायालय ने शुक्रवार को चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी नियुक्ति का रिजल्ट जारी कर दिया, जिसमें विभिन्न पदों के लिए कुल 19 अभ्यर्थियों का चयन हुआ है.
मंत्री सत्यानंद भोक्ता चतरा विधानसभा सीट से राजद कोटे से विधायक हैं. इस पर बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि नौकरी या काम कोई भी हो, बड़ा या छोटा नहीं होता. लेकिन राज्य में रोजगार के मौके कम हैं. झारखंड में 7.5 लाख से ज्यादा पंजीकृत बेरोजगार हैं. वैकेंसी होने के बावजूद राज्य सरकार कम पदों पर भर्तियां निकाल रही है. बेरोजगारी को लेकर झामुमो विधायक लोबिन हेंब्रम ने कुछ हफ्तों पहले अपने ही सरकार को कठघरे में खड़ा किया था.
झारखंड में सरकारी विभागों में 3.5 लाख पद खाली
उन्होंने कहा की पार्टी के घोषणा पत्र में हर साल 5 लाख रोजगार देने का वादा था. झारखंड में अलग-अलग स्तर पर करीब 3.5 लाख पद खाली हैं. ऐसे में टैलेंटेड को भी अपने क्षमता के हिसाब से नौकरी नहीं मिल पा रही है. झारखंड में गृह विभाग में 73938 पद, स्कूली शिक्षा विभाग में 1.04 लाख पद रिक्त हैं. स्वास्थ्य विभाग में 35322, कृषि विभाग में 3500, विधि विभाग में 4036, पेयजल व स्वच्छता विभाग में 3464 पद रिक्त हैं.
झारखंड में पंजीकृत बेरोजगारों की संख्या 7.32 लाख
लोबिन हेंब्रम ने आगे कहा कि पथ निर्माण विभाग में 1729, ग्रामीण विकास विभाग में 7341, जल संसाधन विभाग में 5119, पंचायती राज विभाग में 6696 पद रिक्त हैं. राज्य में 2016 तक पंजीकृत बेरोजगारों की संख्या 5.50 लाख थी. वहीं 2019 के श्रम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक अब यह संख्या 7.32 लाख पहुंच गई है. साल 2020 और 21 कोरोना महामारी में ही गुजर गया. सरकार नियुक्ति वर्ष मना रही है, तब भी वैकेंसी नहीं आई है. लगभग 3.5 लाख पद अलग-अलग विभागों में रिक्त हैं.

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