
जर्मनी, फ्रांस और ऑस्ट्रेलिया के राष्ट्राध्यक्षों का बैक टू बैक दिल्ली दौरा, डिप्लोमेसी के मोर्चे पर भारत का टाइट शेड्यूल
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फॉरेन डिप्लोमेसी के मोर्चे पर भारत सरकार अगले कुछ सप्ताह काफी व्यस्त रहने वाली है. अगले कुछ दिनों में फ्रांस, जर्मनी और ऑस्ट्रेलिया के राष्ट्राध्यक्षों का नई दिल्ली दौरा प्रस्तावित है. इस दौरान एजेंडे में यूक्रेन संकट, मेगा डिफेंस डील, व्यापार, खाद्यान्न और एनर्जी पर व्यापक चर्चा होगी और इन मोर्चों पर भारत अपने हितों को प्रमुखता से उठाएगा.
अगले कुछ महीनों में भारत में वीवीआईपी विदेशी मेहमानों की कतार लगने वाली है. जर्मनी के चांसलर ओलाफ स्कोल्ज, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज जल्द ही भारत दौरे पर आने वाले हैं. इस दौरान भारत यूक्रेन संकट, खाद्य संकट और दुनिया की ऊर्जा जरूरतों पर इन देशों के साथ बड़े कूटनीतिक फैसले लेना वाला है.
यही नहीं फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों का दौरा तो बेहद खास रहने वाला है. इस दौरान भारत इंडियन नेवी के लिए लड़ाकू विमान राफेल का मैरीन वर्जन खरीदने के लिए फ्रांस के साथ बातचीत को आगे बढ़ाएगा.
एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार इस दौरे का मुख्य फोकस इन देशों के साथ भारत के ऊर्जा, व्यापार, तकनीक, रक्षा उत्पादन, स्वास्थ्य के क्षेत्र में संबंधों का प्रगाढ़ करना है.
इन राष्ट्राध्यक्षों के अलावा मिस्र के राष्ट्रपति अल सीसी गणतंत्र दिवस के मौके पर मुख्य मेहमान होंगे. इस दौरान दोनों देशों के बीच कई समझौतों पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है.
सूत्रों ने बताया कि सभी वीवीआईपीज के दौरों में यूक्रेन संकट एजेंडे में मुख्य रूप से छाया रहेगा. यूक्रेन संकट पर अंतरराष्ट्रीय बिरादरी भारत से उम्मीदें लगाए बैठा है. इसके अलावा यूक्रेन संकट यूरोप समेत दुनिया की खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा को प्रभावित कर रहा है.
रिपोर्ट के अनुसार जर्मनी के चांसलर ओलाफ स्कोल्ज फरवरी में भारत आ सकते हैं. ऑस्ट्रेलियाई पीएम अल्बानीज का दौरा मार्च में प्रस्तावित है. फ्रांस के राष्ट्रपति का दौरा मार्च के पहले सप्ताह में संभावित है, लेकिन उनकी यात्रा की तारीख अभी तय नहीं हुई है. रिपोर्ट है कि यात्रा की तिथि को आगे बढ़ाया जा सकता है अथवा जरूरत पड़ने पर इसे जल्दी भी किया जा सकता है.

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