
...जब अमेरिका में हुई शराबबंदी! कोल्ड वॉटर आर्मी ने छेड़ दी थी 3 लाख शराबखानों के खिलाफ जंग!
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अमेरिका में चुनावी सरगर्मी बढ़ रही है. डेमोक्रेटिक पार्टी की कमला हैरिस के सामने रिपब्लिकन डोनाल्ड ट्रंप हैं. अमेरिकी लोग इस साल नवंबर महीने में अपने 47वें राष्ट्रपति के चुनाव के लिए वोट डालने वाले हैं. इस मौके पर हम आपको न सिर्फ अमेरिका के चुनावी सिस्टम बल्कि अमेरिकी समाज और हिस्ट्री की रोचक बातें भी बताएंगे. सीरीज के पहले चरण में हम अमेरिकी हिस्ट्री के ऐसे 13 साल की कहानी बताने जा रहे हैं, जब अमेरिका में शराबबंदी लागू की गई थी. जिसके समर्थन और विरोध में जमकर हिंसा हुई और आखिरकार विरोध के बीच और सबसे बड़ी मंदी से निपटने के लिए अमेरिका ने शराबबंदी को खत्म किया.
किसी भी समाज के बदलाव को समझना है तो वक्त की सुई को थोड़ा पीछे ले जाना होता है. अमेरिकी समाज में आज वाइन और लिकर यानी शराब को भले ही खाने-पीने के अन्य सामानों की तरह सामान्य पेय पदार्थ के रूप में देखा जाता हो लेकिन इतिहास में जाने पर काफी रोचक जानकारी मिलती है. क्या आज कोई कल्पना भी कर सकता है कि अमेरिका में कभी शराबबंदी हुई थी और वो भी एक-दो महीने के लिए नहीं, बल्कि पूरे 13 साल तक. उस दौरान शराब के प्रचलन के खिलाफ अमेरिकी समाज में ऐसी जंग छिड़ी थी जिसकी सच्चाइयां जानकर किसी का भी दिल दहल जाए.
बात साल 1920 की है. पहला विश्व युद्ध खत्म हुए दो साल बीत चुके थे. अमेरिका पहले विश्वयुद्ध में भले ही खुद शामिल नहीं था लेकिन औद्योगिकरण तेजी से बढ़ रहा था और ऐसे में अमेरिका गाड़ियों और हथियारों का निर्माण कर जंग में शामिल यूरोपीय देशों को तेजी से सप्लाई कर रहा था. कमाई बढ़ी तो देश में कल-कारखाने भी बढ़ने लगे लेकिन समाज में टकराव बढ़ रहा था. एक तरफ सामंत तो दूसरी ओर अफ्रीकी गुलाम, एक तरफ कैथोलिक ईसाई तो दूसरी ओर प्रोटेस्टेंट, एक तरफ अमीर उद्योगपति तो दूसरी ओर फैक्ट्री मजदूर... संपन्नता बढ़ रही थी तो सामाजिक टकराव भी. इसी बीच राष्ट्रपति वूड्रो विल्सन ने 17 जनवरी 1920 को पूरे अमेरिका में शराबबंदी का ऐलान कर दिया. जनता में इस फैसले से खलबली मची. दूसरी ओर शराब के अवैध धंधे को पनपने का मौका मिल गया. अकूत धन देने वाले अवैध धंधे ने एक और शक्ति केंद्र माफिया को जन्म दे दिया जो खुद को समाज को कंट्रोल करने के एक पावर सेंटर के रूप में देखने लगा.
कैसे शुरू हुई थी शराबबंदी की मुहिम?
अमेरिका समाज में शराब के प्रसार के इतिहास को समझने के लिए और भी पीछे जाना होगा जब वहां ब्रिटिश राज था. ब्रिटिशर्स के पीछे-पीछे अमेरिका आए आयरिश और जर्मन लोग शराब बनाने के लिए जाने जाते थे लेकिन पीने वाले स्थानीय अमेरिकी थे. बीयर के बड़े-बड़े बैरल भरकर यूरोप से अमेरिका आने लगे और क्या खेतिहर मजदूर और क्या फैक्ट्री मजदूर सब छक कर पीने लगे. जिस दौर में जॉर्ज वॉशिंगटन अमेरिका के लिए स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ रहे थे उस दौर में हर फौजी को रोज आधा गिलास रम या व्हिस्की का राशन मिलता था. यहां तक कि डॉक्टर प्रिस्क्रिप्शन में शराब की डोज लिखने लगे थे, खेतिहर मजदूर अपने घरों के बाहर बीयर के बैरल रखते थे ताकि लौटते ही मग भरकर पी सकें. मछुआरे चोरी-छुपे अवैध शराब अपने जूतों में छुपा कर भी बेचते और तभी शब्द जन्मा- बूटलेगर यानी अवैध शराब बेचने वाला.
कोल्ड वॉटर आर्मी की शुरुआत
अमेरिका में दास प्रथा को लेकर विरोध हो रहा था तो शराब की प्रथा के लिए खिलाफ भी आवाज उठने लगी. यह लहर चलने लगी कि यह हमारी अमेरिकी संस्कृति नहीं है, यह बाहर के लोग लाए हैं. इसकी शुरुआत 'वाशिंगटोनियन' नामक समूह ने की थी. उन्होंने एक नुक्कड़ नाटक खेला- 'टेन नाइट्स इन अ बार-रूम'. जिसमें शराब के नशे में धुत्त एक पिता को घर बुलाने एक बच्ची आती है, और वह खुद शराब के नशे में धुत्त होकर गिर जाती है. इस पर बाद में फिल्म भी बनी. समाज में अब लोग आपस में बैठकर अपने शराब पीने के बुरे अनुभव शेयर करते. इस कॉन्सेप्ट को 'अल्कोहल अनोनिमस' समूह ने अपनाया. स्कूली बच्चों तक ने शराब-विरोधी समूह बना लिया जिसें नाम दिया गया- कोल्ड वॉटर आर्मी.

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