
जड़ी-बूटी का लेप, कोल्ड चेंबर और साध्वी की समाधि... 45 दिन बाद भी आशुतोष महाराज की शिष्या का रहस्य बरकरार?
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आशुतोष महाराज की शिष्या साध्वी आशुतोषांबरी की समाधि का समय बढ़ता ही जा रहा है. वो ना तो समाधि से वापस आ रही हैं और ना ही उनके अनुयायी ये मानने को तैयार हैं कि अब उनका वापस लौटना नामुमकिन है. हर गुजरते दिन के साथ समाधि में लेटी आशुतोषांबरी के शरीर में नए बदलाव आ रहे हैं.
लखनऊ के आनंद आश्रम में साध्वी की समाधि का मामला उलझता जा रहा है. साध्वी ये बोलकर गई थी कि वो एक महीने में समाधि से वापस आएंगी, लेकिन 45 दिनों बीत जाने के बावजूद उनका वापस लौटना मुमकिन नहीं हुआ. ऐसे में सवाल ये है कि समाधि में गई साध्वी जिंदा भी हैं या नहीं? डॉक्टर इस समाधि को बेशक साध्वी की मौत बता रहे हों, लेकिन आश्रम के कर्ता धर्ता ऐसा नहीं मानते. बल्कि वो अब साध्वी के शरीर को प्रिजर्व करने के लिए नई लेप लगाने और आश्रम में कोल्ड चैंबर इंस्टाल करने की तैयारी में जुटे हैं. ऐसे में समाधि की इस स्टोरी की एंडिंग कैसे होगी, ये कोई नहीं जानता.
आशुतोष महाराज की शिष्या साध्वी आशुतोषांबरी की समाधि का समय बढ़ता ही जा रहा है. वो ना तो समाधि से वापस आ रही हैं और ना ही उनके अनुयायी ये मानने को तैयार हैं कि अब उनका समाधि से वापस लौटना नामुमकिन है. लिहाजा, हर गुजरते दिन के साथ समाधि में लेटी आशुतोषांबरी के शरीर में नए बदलाव आ रहे हैं. अब तो उनके शरीर से बदबू भी आने लगी है. ऐसे में लखनऊ के आनंद आश्रम में अब आशुतोषांबरी के शिष्य उनके शरीर पर नए सिरे से जड़ी बूटी का लेप लगाने की तैयारी में हैं, ताकि उनके शरीर को लंबे समय के लिए प्रिजर्व किया जा सके, सुरक्षित रखा जा सके.
आश्रम के कर्ता-धर्ता को ये भी लगता है कि चूंकि अब मौसम भी बदल रहा है, गर्मी लगातार बढ़ रही है, ऐसे में सिर्फ लेप के सहारे साध्वी के शरीर को सुरक्षित रखना शायद मुमकिन ना हो, लिहाज़ा वो आश्रम में साध्वी के लिए एक कोल्ड चेंबर का भी इंतज़ाम करना चाहते हैं, ताकि उनका शरीर सुरक्षित रहे और इसके लिए आश्रम नए सिरे से अदालत का दरवाजा खटखटाने की भी तैयारी कर रहा है. असल में साध्वी आशुतोषांबरी महीने भर के लिए समाधि में जाने की बात कह कर समाधि स्थल पर लेटी थीं. इरादा था समाधि में जाकर अपने गुरु आशुतोष महाराज से बात करना और फिर उन्हें समाधि से वापस लाना.
आश्रम प्रशासन के लोगों ने इसे लेकर अदालत में अर्जी दी है और आशुतोष महाराज की तरह ही साध्वी आशुतोषांबरी का शरीर पर लंबे वक़्त तक आश्रम में ही रखने की इजाज़त मांगी है. हालांकि अदालत ने इस अर्जी पर कोई आखिरी फैसला नहीं लिया है, लेकिन आश्रम फिलहाल इसे इजाजत ही मान कर चल रहा है. फिलहाल कहानी में सबसे बड़ा मोड़ यही है कि अब आश्रम के लोग साध्वी के शरीर को पूरे एक साल तक यूं ही जस का तस आश्रम में रखने की तैयारी में हैं. लेकिन महाराज और साध्वी में फर्क बस इतना ही है कि आशुतोषांबरी के अनुयायी उनके शरीर को डीप फ्रिजर में नहीं रखना चाहते. बल्कि लेप लगाना चाहते हैं.
साध्वी के शिष्यों का कहना है कि चूंकि आशुतोष महाराज के अनुयायियों ने उनके शरीर को डीप फ्रिज़र में रख दिया है, इसलिए उनका समाधि में वापस लौटना मुश्किल हो रहा है. क्या वाकई एक साल तक साध्वी का शरीर आश्रम में यूं ही रखा रहेगा? क्या सिर्फ़ जड़ी बूटियों के लेप के सहारे किसी के शरीर को प्रिजर्व किया जा सकता है? वाकई साध्वी के शरीर को डीप फ्रिजर में नहीं रखा गया तो क्या उसके ख़राब होने का खतरा नहीं है? साध्वी की इस समाधि को लेकर आख़िर उनकी जांच करने वाले डॉक्टरों का क्या कहना है? यदि एक साल में भी साध्वी समाधि से वापस नहीं लौटी तो आखिर इस कहानी का अंत कैसे होने वाला है? आखिर समाधि के नाम पर किसी के शरीर को यूं ही रख लेने पर कानून क्या कहता है? जाहिर हर कोई इन सवालों का जवाब जानना चाहता होगा.

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