
चीन की आक्रामकता के कारण अमेरिका के साथ सहयोग के लिए भारत तैयार, Book में दावा
AajTak
मैकमास्टर की किताब में 14-17 अप्रैल 2017 को अफगानिस्तान, पाकिस्तान और भारत की यात्रा का विस्तार से वर्णन है. इस दौरान उन्होंने नई दिल्ली में तत्कालीन विदेश सचिव एस जयशंकर, अजित डोभाल और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी.
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) एच आर मैकमास्टर ने अपनी नई किताब 'एट वॉर विद अवरसेल्व्स' में दावा किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भारत सरकार चीन की आक्रामकता के चलते अमेरिका के साथ 'अभूतपूर्व' सहयोग के लिए तैयार है. हालाँकि, भारत को इस सहयोग में फंसने और अमेरिका द्वारा छोड़े जाने का भी डर है.
मैकमास्टर ने अपनी किताब में बताया कि 2017 में जब उन्होंने भारत का दौरा किया, तब उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, तत्कालीन विदेश सचिव और वर्तमान विदेश मंत्री एस जयशंकर, और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मुलाकात की थी. उन्होंने लिखा कि इन बैठकों में मुख्य रूप से चीन की आक्रामकता और उससे निपटने के लिए भारत-अमेरिका के बीच सहयोग की संभावना पर चर्चा हुई.
मैकमास्टर की किताब में 14-17 अप्रैल 2017 को अफगानिस्तान, पाकिस्तान और भारत की यात्रा का विस्तार से वर्णन है. इस दौरान उन्होंने नई दिल्ली में तत्कालीन विदेश सचिव एस जयशंकर, अजित डोभाल और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी. मैकमास्टर के अनुसार, जयशंकर और डोभाल ने मुख्य रूप से चीन की बढ़ती आक्रामकता पर चर्चा की. उन्होंने लिखा, "डोभाल और जयशंकर ने कहा कि हम संयुक्त उद्देश्यों की दिशा में एक साथ काम करने को लेकर एक जबरदस्त अवसर देख रहे हैं." उन्होंने बताया कि दोनों नेताओं ने अमेरिका के साथ अप्रत्याशित सहयोग के प्रति खुलापन दिखाया था.
मैकमास्टर के मुताबिक, मोदी ने चीन की बढ़ती आक्रामकता और क्षेत्र में बढ़ती सैन्य उपस्थिति को लेकर चिंता व्यक्त की. मोदी ने अमेरिका, भारत, जापान और समान विचारधारा वाले भागीदारों को एक स्वतंत्र और खुले इंडो-पैसिफिक की अवधारणा पर जोर देने का सुझाव दिया.
यात्रा के अंतिम दिन, मोदी ने मैकमास्टर का गर्मजोशी से स्वागत किया और अंत में उन्हें गले लगाया. मैकमास्टर ने लिखा, "मोदी ने मुझसे कहा, 'आपके पास एक आभा है, और आप मानवता के लिए अच्छा करेंगे.' मैकमास्टर के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिका-भारत संबंधों को गहरा करने को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता बताया था. उन्होंने चीन के बढ़ते सैन्य और आर्थिक प्रभाव पर चिंता जताई थी. इसके अलावा, मोदी ने सुझाव दिया था कि अमेरिका, भारत, जापान और अन्य समान विचारधारा वाले देशों को एक स्वतंत्र और खुले इंडो-पैसिफिक की अवधारणा को आगे बढ़ाना चाहिए, जो चीन के 'वन बेल्ट वन रोड' पहल के विपरीत हो.
मैकमास्टर ने यह भी लिखा कि शीत युद्ध के दौरान गुटनिरपेक्ष आंदोलन के नेतृत्व ने भारत के अंदर हिचकिचाहट भरे व्यवहार को जन्म दिया है, खासकर रूस के साथ, जो भारत के लिए हथियारों और तेल का एक महत्वपूर्ण स्रोत है. मैकमास्टर ने प्रधानमंत्री मोदी और तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच संबंधों पर भी रोशनी डाली. उन्होंने कहा कि ट्रंप के साथ मोदी की पहली मुलाकात के दौरान, दोनों नेता गर्मजोशी से मिले और एक-दूसरे को गले लगाया.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास बातचीत की गई है जिसमें उन्होंने रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी की क्षमता और विश्व की सबसे अच्छी एजेंसी के बारे में अपने विचार साझा किए हैं. पुतिन ने कहा कि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी अच्छा काम कर रही है और उन्होंने विश्व की अन्य प्रमुख एजेंसियों की तुलना में अपनी एजेंसी की क्षमता पर गर्व जताया.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.

कनाडा अगले साल PR के लिए कई नए रास्ते खोलने जा रहा है, जिससे भारतीय प्रोफेशनल्स खासकर टेक, हेल्थकेयर, कंस्ट्रक्शन और केयरगिविंग सेक्टर में काम करने वालों के लिए अवसर होंगे. नए नियमों का सबसे बड़ा फायदा अमेरिका में H-1B वीज़ा पर फंसे भारतीयों, कनाडा में पहले से वर्क परमिट पर मौजूद लोगों और ग्रामीण इलाकों में बसने को तैयार लोगों को मिलेगा.

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के 'वर्ल्ड एक्सक्लूसिव' इंटरव्यू में दुनिया के बदलते समीकरणों और भारत के साथ मजबूत संबंधों के भविष्य पर खुलकर बात की. पुतिन ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी किसी के दबाव में काम नहीं करते. उन्होंने भारत को विश्व विकास की आधारशिला बताया और स्पेस, न्यूक्लियर तकनीक समेत रक्षा और AI में साझेदारी पर जोर दिया.

पुतिन ने कहा कि अफगानिस्तान की सरकार ने बहुत कुछ किया है. और अब वो आतंकियों और उनके संगठनों को चिह्नि्त कर रहे हैं. उदाहरण के तौर पर इस्लामिक स्टेट और इसी तरह के कई संगठनों को उन्होंने अलग-थलग किया है. अफगानिस्तान के नेतृत्व ने ड्रग्स नेटवर्क पर भी कार्रवाई की है. और वो इस पर और सख्ती करने वाले हैं. सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि वहां जो होता है उसका असर होता है.

भारत दौरे से ठीक पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक को दिए अपने 100 मिनट के सुपर एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में भारत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, G8 और क्रिमिया को लेकर कई अहम बातें कही हैं. इंटरव्यू में पुतिन ने ना सिर्फ भारत की प्रगति की तारीफ की, बल्कि रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाई देने का भरोसा भी जताया.

यूक्रेन युद्ध के बीच पुतिन का आजतक से ये खास इंटरव्यू इसलिए अहम हो जाता है क्योंकि इसमें पहली बार रूस ने ट्रंप की शांति कोशिशों को इतनी मजबूती से स्वीकारा है. पुतिन ने संकेत दिया कि मानवीय नुकसान, राजनीतिक दबाव और आर्थिक हित, ये तीनों वजहें अमेरिका को हल तलाशने पर मजबूर कर रही हैं. हालांकि बड़ी प्रगति पर अभी भी पर्दा है, लेकिन वार्ताओं ने एक संभावित नई शुरुआत की उम्मीद जरूर जगाई है.






