चीन और यूएई को तवज्जो लेकिन भारतीय रुपये पर हिचकिचाया रूस!
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रूस ने अमेरिकी डॉलर की बादशाहत को कम करने के लिए चीनी मुद्रा युआन और यूएई की मुद्रा दिरहम में तेल बेचने का फैसला लिया है. भारतीय रुपये पर भी विचार किया गया लेकिन अब तक इस पर कोई फैसला नहीं हो पाया है. रूस चाहता था कि भारत युआन में कारोबार करे लेकिन भारत तैयार नहीं हुआ.
यूक्रेन युद्ध के बाद से पश्चिमी देशों के रूस पर लगे प्रतिबंधों के मद्देनजर वैश्विक स्तर पर घटनाक्रम तेजी से बदल रहे हैं. अब रूस ने तेल निर्यात के लिए अमेरिकी डॉलर में भुगतान को खत्म करने का फैसला किया है. एनर्जी इंटेलिजेंस की रिपोर्ट के मुताबिक, रूस डॉलर के बजाय चीन की मुद्रा युआन और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की मुद्रा दिरहम में तेल बेचेगा. हालांकि, रूस-भारत के बीच व्यापार में भारतीय रुपये के इस्तेमाल पर अभी तक कोई फैसला नहीं हो पाया है.
तेल इंडस्ट्री से जुड़े सूत्रों का कहना है कि रूस ने तेल निर्यातकों से अमेरिकी डॉलर के बजाए युआन और दिरहम में तेल बेचना शुरू करने के लिए कहा है. इसकी शुरुआत अगले महीने से की जा सकती है.
सूत्रों का कहना है कि रूस पर लगे प्रतिबंधों के प्रभावों को कम करने के लिए इसे तत्काल शुरू करने की जरूरत है. इसी के मद्देनजर रूस के प्रधानमंत्री मिखाइल मिशुस्तीन की अध्यक्षता में एनर्जी इंडस्ट्री के साथ सरकार की 26 जुलाई की बैठक में इस पर चर्चा की गई.
रूस को आयात के लिए डॉलर की अधिक जरूरत नहीं है. इससे रूस को नई मुद्राओं में कारोबार करने में मदद मिलेगी.
इस संबंध में रूस सरकार एक नई बजट नीति पर भी काम कर रही है, जिसमें कारोबार के लिए मित्र राष्ट्रों की मुद्राओं का इस्तेमाल किया जाएगा.
बदलते पैटर्न