चार साल के ग्रेजुएशन कोर्स पर लगी रोक, इस राज्य की सरकार ने दिया विश्वविद्यालयों को आदेश
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कर्नाटक सरकार ने चार साल के ग्रेजुएशन कोर्स को बंद कर दिया है. यहां की शिक्षा में कई तरह के बदलाव होने वाले हैं. सरकार ने राष्ट्र शिक्षा नीति (NEP) को बदलने के उद्देश्य से राज्य शिक्षा नीति (SEP) तैयार करने के लिए एक आयोग नियुक्त किया है.
Four year degree course stopped in Karnataka: अगर आप इस साल ग्रेजुएशन में दाखिला लेने जा रहे हैं या सीयूईटी का एग्जाम देने जा रहे हैं तो यह खबर आपके लिए है. कर्नाटक सरकार से चार साल के ग्रेजुएशन कोर्स पर रोक लगा दी है. कर्नाटक सरकार ने ग्रेजुएशन कोर्स को लेकर आदेश जारी किया है. सरकार ने कहा कि 'हम अपनी सरकारी यूनिवर्सिटीज और सभी संबद्ध सरकारी कॉलेजों में फोर ईयर डिग्री कोर्स लागू नहीं करेंगे. इस शैक्षणिक सत्र 2024-25 में स्टूडेंट्स को सिर्फ 3 साल के डिग्री कोर्स में एडमिशन लेने का ही विकल्प रहेगा'.
कर्नाटक सरकार ने प्रोफेसर सुखदेव थोराट की अध्यक्षता में राष्ट्र शिक्षा नीति (NEP) को बदलने के उद्देश्य से राज्य शिक्षा नीति (SEP) तैयार करने के लिए एक आयोग नियुक्त किया है. आयोग को अगस्त 2024 तक अपनी रिपोर्ट सौंपनी है. आयोग ने सार्वजनिक विश्वविद्यालयों में उच्च शिक्षा डिग्री कार्यक्रम और पाठ्यक्रम और अवधि में कुछ बदलावों के साथ सरकार को एक अंतरिम रिपोर्ट सौंपी है. इस रिपोर्ट के आधार पर बदलाव शैक्षणिक वर्ष 2024-25 से लागू होंगे.
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ये हुए बदलाव
आयोग की रिपोर्ट के आधार पर कर्नाटक सरकार ने सबसे पहला बदलाव चार साल के ग्रेजुएशन कोर्स को लेकर किया है. इसके अलावा सार्वजनिक विश्वविद्यालयों और संबद्ध कॉलेजों को ग्रेजुएशन कोर्स में सरकार द्वारा तीन प्रमुख विकल्प प्रदान करने की अनुमति है.
पहला विकल्प- स्टूडेंट्स तीन साल का ग्रेजुएशन कोर्स कर सकते हैं, जिसमें सारे यानी कि 6 सेमेस्टर में सभी विषय पढ़ाए जाएंगे.
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