चमत्कार, अंधविश्वास या फिर... कौन हैं विवादों में घिरे बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री?
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स्थानीय लोगों का दावा है कि बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री कुछ साल पहले एक ऑटोरिक्शा चालक थे. बागेश्वर धाम कुछ साल पहले तक एक छोटा मंदिर था और मुख्य रूप से शास्त्री द्वारा किए गए चमत्कारों के कारण इसकी लोकप्रियता में इजाफा हुआ.
हाल ही में हिंदू धार्मिक कथाओं के सूत्रधार और कथा वाचक आचार्य धीरेंद्र शास्त्री खबरों में हैं और इस दौरान उनके फॉलोअर्स भी बढ़े हैं. सोशल मीडिया नागपुर में शास्त्री से जुड़े हाल के घटनाक्रम पर चर्चाओं से भरा हुआ है. इनसे जुड़ा विवाद तक शुरू हुआ जब मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के गढ़ा गांव में बागेश्वर धाम के मुख्य पुजारी शास्त्री 5 जनवरी से 13 जनवरी तक भगवद कथा के लिए नागपुर में थे, लेकिन दो दिन पहले रायपुर के लिए कार्यक्रम स्थल से निकल गए. नागपुर में उन्हें तर्कवादियों ने एक सार्वजनिक मंच पर 'चमत्कार' करने की चुनौती दी थी. कथित तौर पर चुनौती दिए जाने के बाद ही वे नागपुर से चले गए. लेकिन उन्होंने इसका खंडन किया है और दावा किया है कि वे इसलिए गए क्योंकि उन्होंने अपने सभी कार्यक्रमों में दो दिनों की कटौती की थी.
कौन हैं धीरेंद्र शास्त्री और कैसे हुए इतना लोकप्रिय?
मध्य प्रदेश में पिछले कुछ सालों में तांत्रिकों और कथा वाचकों की संख्या बहुत बढ़ गई है और 25 वर्षीय शास्त्री उनमें से एक हैं. स्थानीय लोगों का दावा है कि वह कुछ साल पहले एक ऑटोरिक्शा चालक थे. बागेश्वर धाम कुछ साल पहले तक एक छोटा मंदिर था और मुख्य रूप से शास्त्री द्वारा किए गए चमत्कारों के कारण इसकी लोकप्रियता में इजाफा हुआ. वहीं हाल ही में इस गांव में सड़कों, भोजनालयों और होटलों के रूप में बहुत सारी बुनियादी सुविधाएं सामने आई हैं.
शास्त्री ज्यादातर परेशान लोगों को अपने धाम में बुलाने के लिए जाने जाते हैं, जहां वे उनकी समस्याओं का समाधान करते हुए उन्हें उनके अतीत के बारे में बताते हैं. अधिकांश तांत्रिक राज्य संरक्षण पर फलते-फूलते हैं और शास्त्री भी इससे अलग नहीं हैं. बता दें कि बुंदेलखंड क्षेत्र के अधिकांश विधायक शास्त्री को सम्मान देते हैं. राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा भी शास्त्री के फॉलोअर हैं और धाम के दर्शन कर चुके हैं.
'छतरपुर के कांग्रेस विधायक की 'खोज' हैं शाास्त्री'
बागेश्वर धाम को जहां हर वर्ग के नेता समर्थन करते हैं, वहीं शास्त्री का स्पष्ट रूप से भाजपा समर्थक रुख है. हालांकि राजनीतिक गलियारों में उन्हें छतरपुर के कांग्रेस विधायक आलोक शुक्ला 'पज्जन' की 'खोज' बताया जाता है.
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