
गिर रही इमारत का वीडियो बना रहा था शख्स, तभी उड़ती हुई आई मौत, डरा देगा ये Video
AajTak
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें एक गिरती इमारत की काफी लोग वीडियो बनाते दिख रहे हैं. तभी एक बड़ा कंक्रीट का टुकड़ा एक युवक के सिर से टकरा जाता है. इसके बाद युवक वहीं गिर जाता है और लोग उसे संभालने में जुट जाते हैं.
कब, कहां, कैसे किसी की जान चली जाए कोई नहीं बता सकता. अलग-अलग तरीके से अचानक से होने वाली मौत के ऊपर एक हॉलीवुड मूवी भी बन चुकी है. इसका नाम 'फाइनल डेस्टिनेशन' है. इसमें दिखाया गया है कि कैसे चलते-फिरते लोगों के साथ अचानक से कुछ ऐसी दुर्घटना होती, जिसमें उनकी जान चली जाती है. ऐसी ही एक घटना का वीडियो इंटरनेट पर वायरल हो रहा है.
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है. इसमें लोगों की भीड़ एक गिर रही इमारत का वीडियो बनाते दिख रहे हैं. लोग मकान के ढहने की घटना को कैमरे में कैद करने के लिए एक दूसरे से धक्का-मुक्की करते भी दिखाई दे रहे हैं. इसी में से एक शख्स वीडियो बनाने के लिए अपनी जगह से दो इंच पीछे चला जाता है.
जैसे ही भरभराकर इमारत जमींदोज होती है, उसके मलबे काफी दूर-दूर तक उड़कर फैल जाते हैं. इसी दौरान एक बड़ा सा कंक्रीट का टुकड़ा भीड़ में खड़े एक शख्स के सिर से जा टकराता है, जो कुछ सेकंड पहले वीडियो बनाने के लिए अपनी जगह से खिसकर पीछे गया था. इसके बाद ढह रही इमारत का वीडियो बना रहा वह शख्स वहीं गिर जाता है.
यह वीडियो इंटरनेट पर तेजी से वायरल हो रही है. इस वायरल पोस्ट पर लोगों ने तरह-तरह के कमेंट भी किये हैं. कुछ ने इस घटना का फिल्म -फाइनल डेस्टिनेशन से तुलना की है. वहीं कुछ इसे कर्मा तो, कुछ बेहद दुर्भाग्यपूर्ण घटना बता रहे हैं. वहीं कुछ लोगों ने कहा कि उस शख्स ने अपने पीछे खड़े वीडियो बनाने वाले की जान बचा ली. अगर उसे उड़ता हुआ पत्थर नहीं लगता, तो वह सीधा वीडियो बनाने वाली की जान ले लेता.

Polar Loop price in India: भारतीय बाजार में Polar ने अपना स्क्रीनलेस फिटनेस ट्रैकर लॉन्च कर दिया है. ये डिवाइस Whoop Band जैसे फीचर्स के साथ आता है. जहां Whoop Band के लिए यूजर्स को हर साल सब्सक्रिप्शन खरीदना होता है. वहीं Polar Loop के साथ ऐसा कुछ नहीं है. इस बैंड को यूज करने के लिए किसी सब्सक्रिप्शन की जरूरत नहीं होगी.

इंडिगो एयरलाइन की उड़ानों पर मंडराता संकट शनिवार, 6 दिसंबर को भी खत्म नहीं हुआ और हालात लगातार पांचवें दिन बिगड़े रहे. देश के कई हिस्सों में बड़ी संख्या में फ्लाइट्स रद्द करनी पड़ीं. बीते चार दिनों से जारी इस गड़बड़ी का सबसे बड़ा असर शुक्रवार को दिखा, जब 1,000 से ज्यादा उड़ानें रद्द हुईं, जबकि गुरुवार को करीब 550 फ्लाइट्स कैंसिल करनी पड़ी थीं.

भारत और यूरोप के वर्क कल्चर में फर्क को जर्मनी में काम कर रहे भारतीय इंजीनियर कौस्तव बनर्जी ने 'जमीन-आसमान का अंतर] बताया है. उनके मुताबिक, भारत में काम का मतलब अक्सर सिर्फ लगातार दबाव, लंबे घंटे और बिना रुके डिलीवरी से जुड़ा होता है, जबकि जर्मनी और यूरोप में काम के साथ-साथ इंसान की जिंदगी को भी बराबर अहमियत दी जाती है.

देश की सबसे बड़ी एयरलाइन IndiGo का संचालन शनिवार को भी पटरी पर नहीं लौट सका. संकट अब पांचवें दिन में पहुंच गया है और दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु व चेन्नई एयरपोर्ट पर यात्री रातभर अपने उड़ानों का इंतजार करते नजर आए. पिछले चार दिनों में एयरलाइन को 2,000 से अधिक उड़ानें रद्द करनी पड़ी हैं, जिससे करीब तीन लाख से ज्यादा यात्रियों की यात्रा योजनाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं.









