
'गाजा की स्थिति भारत के लिए सबसे बड़ी चिंता, युद्ध विराम को हमारा समर्थन', रियाद में बोले एस जयशंकर
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भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, "भारत समाधान के जरिए फिलिस्तीनी मुद्दे के समाधान के लिए खड़ा है. भारत ने फिलिस्तीनी संस्थानों और क्षमताओं के निर्माण में भी योगदान दिया है."
भारत के विदेश मंत्री जयशंकर ने सऊदी अरब की राजधानी रियाद में रणनीतिक वार्ता के लिए पहली भारत-खाड़ी सहयोग परिषद (GCC) मंत्रिस्तरीय मीटिंग में हिस्सा लिया. इस दौरान उन्होंने फिलिस्तीन के हालातों पर बात की. एस जयशंकर ने गाजा की स्थिति को भारत की "सबसे बड़ी चिंता" बताया और कहा कि नई दिल्ली जल्द से जल्द इजरायल-हमास युद्धविराम का पक्षधर है.
विदेश मंत्री ने कहा, "गाजा में मौजूदा स्थिति अब हमारा सबसे बड़ा चिंता का विषय है. इस संबंध में भारत का रुख सैद्धांतिक और सुसंगत रहा है. हम आतंकवाद और बंधक बनाने की घटनाओं की निंदा करते हैं, लेकिन निर्दोष नागरिकों की लगातार हो रही मौतों से हमें गहरा दुख होता है.
जयशंकर ने कहा कि किसी भी प्रतिक्रिया में मानवीय कानून के सिद्धांतों को ध्यान में रखना चाहिए. हम जल्द से जल्द युद्ध विराम का समर्थन करते हैं.
7 अक्टूबर को, गाजा पट्टी पर शासन करने वाले हमास ने भूमि, वायु और समुद्र के रास्ते इजरायल पर अभूतपूर्व हमला किया, जिसमें 1,200 लोग मारे गए और 250 अन्य का अपहरण कर लिया गया. स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक, इजरायल ने गाजा में हमला किया, जिससे व्यापक तबाही हुई और लगभग 40 हजार लोग मारे गए. दोनों पक्ष 11 महीने से चल रहे संघर्ष को समाप्त करने के लिए संघर्ष विराम पर पहुंचने में अब तक विफल रहे हैं.
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भारत ने फिलिस्तीन में संस्थाओं के निर्माण में योगदान दिया

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