खट्टर, रघुवर, फडणवीस, भूपेंद्र, सावंत, धामी... बीजेपी के 'डार्क हॉर्स' मुख्यमंत्रियों का कैसा रहा है रिपोर्ट कार्ड?
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भारतीय जनता पार्टी ने मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री के नए चेहरे तय करके चौंका दिया है. हालांकि, 2014 के बाद से जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए हैं और बीजेपी ने सत्ता बरकरार रखी है, वहां सीएम फेस नहीं बदला गया है. हालांकि, अपवाद के तौर पर अब तक असम का उदाहरण था. वहां 2021 में चुनाव हुए और सर्बानंद सोनोवाल की जगह हिमंत बिस्वा सरमा को नया सीएम बनाया गया था. अब नया नाम मध्य प्रदेश का जुड़ गया है.
भारतीय जनता पार्टी ने मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री के चयन में एक बार फिर चौंका दिया है. आज बारी राजस्थान की है. यहां भी चौंकाने वाले नाम का कयास लगाया जा रहा है. हालांकि, बीजेपी में अब इस तरह नए और जमीनी चेहरे को बड़ी जिम्मेदारी देने की एक परंपरा सी बनती जा रही है. इससे पहले भी संगठन ने फैसले लिए. इनमें हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर, झारखंड में रघुवर दास, गुजरात में भूपेंद्र पटेल, गोवा में प्रमोद सावंत, उत्तराखंड में पुष्कर धामी का नाम शामिल है. ऐसे में सवाल यह भी उठ रहा है कि बीजेपी के डार्क हॉर्स सीएम लॉन्ग रन पॉलिटिक्स में कितने सफल या फेल हुए हैं? जानिए...
पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजे आ गए हैं. बीजेपी ने हिंदी बेल्ट के प्रमुख तीन राज्यों में सरकार बनाई है. चुनावी जीत के बाद पार्टी ने अब नए मुख्यमंत्री चेहरों का ऐलान करना भी शुरू कर दिया है. रविवार को छत्तीसगढ़ में विष्णु देव को नया सीएम बनाया. सोमवार को मध्य प्रदेश में मोहन यादव को नया मुख्यमंत्री बनाया गया. आज राजस्थान के मुख्यमंत्री का चेहरा भी फाइनल हो जाएगा. चर्चा है कि बीजेपी राजस्थान में भी नया और चौंकाने वाले चेहरे की घोषणा कर सकती है.
'बीजेपी अलायंस की 17 राज्यों में सरकार'
बताते चलें कि बीजेपी की परंपरा से लेकर जीत ट्रेंड तक में मोदी-शाह युग को बड़ा परिर्वतनकारी समय माना जा रहा है. 2014 में सबसे पहले केंद्र में बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए अलायंस ने सरकार बनाई. उसके बाद से तो जीत का सिलसिला कुछ इस तरह आगे बढ़ा कि आज बीजेपी-एनडीए की 17 राज्यों (12+5) में सरकार है. जबकि कांग्रेस-गठबंधन की कुल 6 (3+3) राज्यों में सरकार है. 2014 में मोदी के पीएम बनने के समय बीजेपी की 8 राज्यों में सरकार थी. वहीं, कांग्रेस गठबंधन के पास 14 राज्य थे. यानी राजनीति नक्शा पूरी तरह पलट गया है.
'कांग्रेस सिर्फ तीन राज्यों तक सिमटी'
बीजेपी का यह राजनीति नक्शा यूं ही बदला. इसके पीछे पार्टी की रणनीति और हाईकमान की सर्वोच्चता मायने रखती है. संगठन में अनुशासन और हार्ड वर्क का ही नतीजा है कि बीजेपी ने हिंदी पट्टी राज्यों में कांग्रेस का लगभग क्लीन स्वीप कर दिया है. कांग्रेस की सिर्फ हिमाचल प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक में सरकार है. वो बिहार, झारखंड और तमिलनाडु में सत्ताधरी दल की सहयोगी पार्टी है.
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