
क्यों बाइक से भी स्लो चलती है किम जोंग उन की पर्सनल ट्रेन? जिससे रूस-चीन तक चले जाते हैं
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उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन एक बेहद धीमी गति की ट्रेन से चीन पहुंचे हैं. इस ट्रेन की स्पीड एक बाइक से भी कम है. किम जोंग उन अपने इस पर्सनल ट्रेन से चीन और रूस तक की यात्रा करते हैं. जानते हैं यह ट्रेन आखिर इतनी धीमी क्यों है और इसकी खासियत क्या है?
उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन मंगलवार को अपनी खास ट्रेन से चीन के सैन्य परेड में हिस्सा लेने पहुंचे. एक तरफ कई देशों में आम लोगों के परिवहन के लिए बुलेट ट्रेन जैसी हाईस्पीड रेलगाड़ियों का इस्तेमाल हो रहा है. वहीं एक देश के राष्ट्राध्यक्ष अपने विशेष सफर के लिए एक बेहद धीमी गति की ट्रेन का इस्तेमाल करते हैं. इस ट्रेन को चलता-फिरता किला कहा जाता है. क्योंकि यह पूरी तरह से बुलेट प्रूफ और अत्याधुनिक सुरक्षा तकनीक से लैस होती है.
किम जोंग उन ने बीजिंग की यात्रा के लिए विशेष परिवहन प्रणाली के तहत एक धीमी गति वाले ट्रेन का उपयोग किया है. उनकी ट्रेन गहरे हरे रंग की है. यह एक बख्तरबंद ट्रेन है. इसका इस्तेमाल देश के नेता दशकों से करते आ रहे हैं. 2011 के अंत में उत्तर कोरियाई नेता बनने के बाद से किम ने चीन, वियतनाम और रूस की यात्रा के लिए इसी ट्रेन का उपयोग किया है.
इस ट्रेन की स्पीड कम क्यों है. द इंडिपेंडेंट की रिपोर्ट के अनुसार, इस ट्रेन को उत्तर कोरिया से बीजिंग पहुंचने में करीब 20 घंटे से भी ज्यादा का समय लग गया. क्योंकि यह ट्रेन काफी धीमी है. इसके धीमी होने की वजह इसका पूरी तरह से बख्तरबंद होना है. यह एक बुलेटप्रूफ ट्रेन है. इसके अलावा इसमें एक ऑफिस, बड़ा सा किचन, कारों का काफिला रखने की जगह भी है. यही वजह है कि इसका वजन काफी ज्यादा हो जाता है और यह कारण है कि इसकी गति काफी धीमी होती है.
चीन में थोड़ी बढ़ जाती है ट्रेन की स्पीड रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर कोरियाई परिवहन पर पकड़ रखने वाले दक्षिण कोरियाई विशेषज्ञ आह्न ब्युंग-मिन का कहना है कि चीन के नेटवर्क पर ट्रेन की गति 80 किलोमीटर प्रति घंटा (50 मील प्रति घंटा) तक पहुंच सकती है. जबकि उत्तर कोरिया के ट्रैक पर इसकी अधिकतम गति 45 किलोमीटर प्रति घंटा (28 मील प्रति घंटा) है.
क्यों खास है ट्रेन आह्न के अनुसार सुरक्षा कारणों से किम को ऐसे कई रेलगाड़ियों की आवश्यकता होती है. इसलिए उन्होंने उत्तर कोरिया के ऐसे कई ट्रेनों का इस्तेमाल अब तक अपने सफर के लिए किया है. आह्न ने बताया कि इन ट्रेनों में 10 से 15 डिब्बे होते हैं, जिनमें से कुछ का उपयोग केवल नेता द्वारा किया जाता है.
विशेषज्ञ का कहना है कि इस बुलेटप्रूफ ट्रेन में बड़े दल, सुरक्षा गार्ड, भोजन और सुविधाओं के लिए अधिक सुरक्षित और आरामदायक स्थान होता है. इसमें बैठकों से पहले एजेंडा पर चर्चा करने के लिए एक हॉल जैसी जगह और किम जोंग उन का अपना ऑफिस भी है.

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