क्या 2024 की लड़ाई UP में ही लड़ी जाएगी - और मुद्दा मंडल बनाम कमंडल ही होगा?
AajTak
2024 के लोक सभा चुनाव की तैयारियों को देखें तो देश की सियासत फिर से उत्तर प्रदेश के इर्द गिर्द घूमती नजर आ रही है, और अयोध्या के साथ बनारस भी राजनीति का बड़ा केंद्र बन रहा है - प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अयोध्या और बनारस दौरे के बीच नीतीश कुमार ने भी बनारस का कार्यक्रम बना लिया है.
2024 की तैयारी तो 5 राज्यों में विधानसभा चुनावों से पहले से ही चल रही थी. तीन राज्यों में चुनाव नतीजे बीजेपी के मनमाफिक आये भी, जबकि तेलंगाना में कांग्रेस ने भी बाजी मार ली. बीजेपी ने तो मध्य प्रदेश और राजस्थान में मुख्यमंत्रियों का भी चुनाव भी चुनावी मकसद से ही किया है.
सवाल है कि क्या 2024 के लोक सभा चुनाव की लड़ाई उत्तर प्रदेश में ही लड़ी जाएगी? और क्या लोक सभा चुनाव में मंडल बनाम कमंडल ही सबसे बड़ा मुद्दा होगा?
लक्षण तो काफी हद तक ऐसे ही दिखाई पड़ रहे हैं. 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में ये भी देखने को मिला था कि राम मंदिर निर्माण की वजह से अयोध्या राजनीति का प्रमुख केंद्र बन गया था. यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने बीएसपी के ब्राह्मण सम्मेलन की शुरुआत अयोध्या से ही करायी थी - और आम आदमी पार्टी नेता अरविंद केजरीवाल भी अयोध्या जाकर जोर जोर से जय श्रीराम के नारे लगा रहे थे.
अयोध्या और बनारस बने चुनावी राजनीति के केंद्र
2022 के यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान ऐसा लग रहा था जैसे लखनऊ नहीं बल्कि अयोध्या ही यूपी की राजधानी हो. चूंकि ममता बनर्जी को जय श्रीराम से ज्यादा ही परहेज रहता है, इसलिए वो लखनऊ से आगे बढ़ीं तो बनारस तक पहुंच गईं - और अपने तरीके से शोर मचाकर जोरदार मौजूदगी भी दर्ज कराई थी.
लोक सभा चुनाव की राजनीति तो यूपी के इर्द गिर्द घूमती महसूस हो ही रही है, अब फिर से लखनऊ के मुकाबले अयोध्या ज्यादा महत्वपूर्ण लगने लगा है - और इस बार तो अयोध्या के साथ साथ बनारस भी चुनावी राजनीति का बड़ा केंद्र बनने जा रहा है.
मोदी कैबिनेट के विभागों का बंटवारा हो गया है. इस मंत्रिमंडल में राजनाथ सिंह, अमित शाह, नितिन गडकरी, निर्मला सीतारमण, जयशंकर वही मंत्रालय संभालेंगे जो अब तक संभालते आ रहे थे. मंत्रिमंडल को देखकर ऐसा लगता है कि इसमें बॉस मोदी ही हैं और वो सहयोगी दलों के किसी भी प्रकार के दबाव में नहीं आए. देखें ब्लैक एंड वाइट.
नरेंद्र मोदी ने बीते दिन पीएम पद की शपथ ले ली है.वहीं मोदी कैबिनेट में शामिल होने के लिए भाजपा ने अजित पवार गुट की एनसीपी को भी ऑफर दिया था, जिसे उन्होंने ठुकरा दिया. इसके बाद से महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल तेज है. अजित गुट के प्रफुल्ल पटेल को राज्य मंत्री का ऑफर था, लेकिन उन्होंने ये कहकर इसे ठुकरा दिया कि वो कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं और ये उनका डिमोशन होगा. देखिए VIDEO
राष्ट्रपति भवन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह के वायरल वीडियो पर दिल्ली पुलिस का बयान आया है. इसमें कहा गया है, रविवार को राष्ट्रपति भवन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह के लाइव प्रसारण के दौरान कैद एक जानवर की तस्वीर दिखा रहे हैं, जिसमें दावा किया जा रहा है कि यह जंगली जानवर है. ये तथ्य सत्य नहीं हैं. कैमरे में कैद जानवर एक आम घरेलू बिल्ली है.
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने मणिपुर की स्थिति पर चिंता व्यक्त की है. उनका कहना है कि मणिपुर पिछले 1 साल से शांति की प्रतीक्षा कर रहा है. भागवत ने कहा कि संसद में विभिन्न मतों के बीच सहमति बनाना कठिन है, लेकिन यह आवश्यक है. उन्होंने समाज में फैल रही असत्य बातों और कलह पर भी चिंता जताई. मणिपुर में शांति लाने के लिए प्राथमिकता देने की जरूरत पर जोर दिया.