
क्या बांग्लादेश में ही छिपे बैठे हैं हादी के हत्यारे? पुलिस का क्या खुलासा
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बांग्लादेश में चुनाव की घोषणा के बाद छात्र नेता उस्मान हादी की हत्या को लेकर चल रही राजनीतिक साजिशों का खुलासा हो रहा है. पुलिस ने पुष्टि की है कि हत्यारे बांग्लादेश में ही हैं और भारत भागने की अफवाह ग़लत साबित हुई है. बीएनपी ने जमात शिबिर पर हत्या में शामिल होने के आरोप लगाए हैं. हादी की हत्या के बाद हुए हिंसक घटनाओं में हिन्दुओं और मीडिया पर हमले भी किए गए.

बांग्लादेश में चुनाव की घोषणा के बाद छात्र नेता उस्मान हादी की हत्या को लेकर चल रही राजनीतिक साजिशों का खुलासा हो रहा है. पुलिस ने पुष्टि की है कि हत्यारे बांग्लादेश में ही हैं और भारत भागने की अफवाह ग़लत साबित हुई है. बीएनपी ने जमात शिबिर पर हत्या में शामिल होने के आरोप लगाए हैं. हादी की हत्या के बाद हुए हिंसक घटनाओं में हिन्दुओं और मीडिया पर हमले भी किए गए.

ताकि फिलिस्तीन देश बनने से रोका जाए... गाजा में तबाही के बाद वेस्ट बैंक को लेकर ये है इजरायल का मकसद
इजरायल ने कब्जे वाले वेस्ट बैंक में 19 नई यहूदी बस्तियां बसाने को मंजूरी दी है. बेंजामिन नेतन्याहू सरकार का कहना है कि यह कदम फिलिस्तीनी राज्य बनने से रोकने के लिए उठाया गया है. इस फैसले की सऊदी अरब ने निंदा की है, जबकि संयुक्त राष्ट्र ने इसे क्षेत्रीय शांति के लिए खतरा बताया है.

बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर लगातार हमले और हिंसा की घटनाओं ने भारत और नेपाल में गहरा आक्रोश फैला दिया है. हिन्दू संगठनों और जनता ने विभिन्न शहरों में विरोध प्रदर्शन किए और बांग्लादेश की सरकार और उसके अधिकारियों के खिलाफ आवाज उठाई. ढाका में हिंदू युवक दीपू दास की निर्मम हत्या और बाद में उनके शव को आग लगाने की घटना ने सबका दिल डगमगा दिया है. भारत के जमशेदपुर, दिल्ली, असम, त्रिपुरा और नेपाल के अलग-अलग जिलों में भी इस मामले को लेकर व्यापक विरोध दर्ज किया गया. नेपाल की सरकार से भी बांग्लादेशी दूतावास को हटाने और उनके डिप्लोमेट्स को देश से निकालने की मांग की गई है. यह स्थिति बांग्लादेश की सरकार और समाज में अल्पसंख्यकों के प्रति बढ़ती नफरत और हिंसा की चिंता को दर्शाती है.

बांग्लादेश में जिहादी सक्रियता बढ़ती जा रही है और देश के कई हिस्सों में कट्टरपंथियों का नियंत्रण नजर आ रहा है. विशेषकर शेख हसीना की पार्टी, अवामी लीग के नेताओं और कार्यकर्ताओं पर इन जिहादियों द्वारा हमले किए जा रहे हैं. ढाका में मौजूद टीम ने अवामी लीग के लोगों से बातचीत की, जिससे पता चला कि पिछले डेढ़ साल में स्थिति और भी गंभीर हो गई है. निर्दोष नेताओं और कार्यकर्ताओं को भी बिना किसी अपराध के निशाना बनाया जा रहा है. लोगों को अपनी जान का खतरा महसूस हो रहा है और वे अपने परिवार से भी दूर रह रहे हैं. संघर्ष और तनाव के इस माहौल में लोगों का जीवन कठिन हो गया है, जबकि हिंसा और धमकियों का दौर जारी है.

बांग्लादेश में छात्र नेता उस्मान हादी की हत्या के बाद ढाका समेत कई शहरों में हिंसा भड़क उठी है. हादी को दफना दिया गया है लेकिन तनाव अभी भी कायम है. ढाका के विभिन्न हिस्सों में बर्बादी की तस्वीरें सामने आई हैं, जो बताती हैं कि हादी की मौत के बावजूद राजनैतिक और सामाजिक तनाव जारी है. हिंदू युवक दीपू दास की हत्या के कारण भी बांग्लादेश में हालात तनावपूर्ण हैं. देखें आजतक संवाददाता आशुतोष मिश्रा की रिपोर्ट.








