
क्या आबादी को हटाए बगैर विस्फोटकों से भरे गाजा में बनेंगी नई इमारतें, अरब लीग के प्लान में ऐसा क्या, जिसपर US नाराज?
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फरवरी में डोनाल्ड ट्रंप ने गाजा को नए सिरे से बसाने की योजना शेयर की थी. उसपर खूब हो-हल्ला मचा कि ये पहले से तकलीफ झेलते फिलिस्तीनियों को उनके ही घर से हटाने की साजिश है. अब इजिप्ट ने भी गाजा पट्टी का रीकंस्ट्रक्शन प्लान दिया है. हां, जैसा तय था, अमेरिका और इजरायल ने उसे एक सुर में रिजेक्ट कर दिया.
अरब देशों की हाल ही में गाजा को लेकर बैठक हुई थी. इसमें इजिप्ट ने इलाके की दोबारा बसाहट को एक योजना सुझाई. अरब लीग ने इसे मान भी लिया, लेकिन अमेरिका और इजरायल इसे नकार रहे हैं. गाजा फिलहाल वो घर बना हुआ है, जिसमें रहने वालों के अलावा बाकी सब घर में बदलाव और साज-सजावट का फैसला ले रहे हैं. जानिए, युद्ध से लगभग खत्म हो चुके गाजा को लेकर इजिप्ट से लेकर अमेरिका क्या चाहते हैं, और क्यों?
तीन दिनों पहले काहिरा में अरब लीग के 22 देशों के लीडर मिले. इस दौरान सबने गाजा पट्टी के रीकंस्ट्रक्शन का इजिप्ट का प्लान मंजूर कर लिया. दोबारा बसाहट के दौरान इसमें गाजावासियों को बाहर निकालने जैसी कोई बात नहीं है.
योजना तीन स्टेप्स में पूरी होगी
- छह महीनों तक चलने वाले पहले चरण में लगभग 3 अरब डॉलर का खर्च आएगा. इसमें मलबा हटाना, 2 लाख घर बनाना और साठ हजार इमारतों का रीकंस्ट्रक्शन होगा. ये सब काम फिलिस्तीनी अथॉरिटी के तहत होगा. - दूसरे चरण में लगभग 20 अरब डॉलर का खर्च आ सकता है. इस दौरान चार लाख घर और बनाए जाएंगे, साथ में मलबा हटाया जाता रहेगा. इसके साथ ही पानी, टेलीकॉम, बिजली जैसी बेसिक लेकिन खत्म हो चुकी सर्विस शुरू होगी. साथ ही एयरपोर्ट और कमर्शियल पोर्ट भी बनेंगे. - तीसरे फेज की लागत 30 अरब डॉलर के आसपास हो सकती है. एक्सपर्ट कमेटी नजर रखेगी कि जरूरतमंदों तक मानवीय मदद पहुंचती रहे और शासन ठीक से चले. संभव हो तो चुनाव भी हो सकते हैं. दूसरा और तीसरा फेज चार से पांच साल तक चल सकता है.
फंड कहां से आएगा इजिप्ट समेत गल्फ देशों का सुझाव है कि इसके लिए यूनाइटेड नेशन्स समेत बाकी इंटरनेशनल संगठन, और विदेशी निजी इनवेस्टर सहायता करें. इस रीकंस्ट्रक्शन का मकसद, युद्ध में तबाह हो चुके गाजा में हमास को हटाकर दोबारा फिलिस्तीनी अथॉरिटी को लाना है.

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