कौन हैं आलमगीर आलम, जिनके PS के नौकर के घर मिला नोटों का अंबार
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आलमगीर आलम पाकुड़ विधानसभा से कांग्रेस के चार बार विधायक रहे हैं और अभी राज्य सरकार में संसदीय कार्य और ग्रामीण विकास मंत्री हैं. इससे पहले आलमगीर आलम 20 अक्टूबर 2006 से 12 दिसंबर 2009 तक झारखंड विधानसभा अध्यक्ष भी रहे थे.
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने झारखंड के रांची में कई ठिकानों पर छापेमारी कर बड़े पैमाने पर कैश बरामद किया है. ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के निजी सचिव संजीव लाल के नौकर के घर ईडी ने भारी नकदी जब्त हुई है. सूत्रों के मुताबिक, नकदी 20 से 30 करोड़ रुपये के बीच हो सकती है. नोट गिनने वाली मशीनें मंगाई गई है. इस छापेमारी के बाद अब आलमगीर आलम का नाम चर्चा में आ गया है. आइए आपको बताते हैं कि आखिर आलमगीर आलम हैं कौन...
आलमगीर आलम पाकुड़ विधानसभा से कांग्रेस के चार बार विधायक रहे हैं और अभी राज्य सरकार में संसदीय कार्य और ग्रामीण विकास मंत्री हैं. इससे पहले आलमगीर आलम 20 अक्टूबर 2006 से 12 दिसंबर 2009 तक झारखंड विधानसभा अध्यक्ष भी रहे थे. विरासत में राजनीति मिलने के बाद आलमगीर ने सरपंच का चुनाव जीतकर राजनीति में प्रवेश किया था. 2000 में पहली बार वह विधायक बने और तब से लेकर अभी तक 4 बार विधायक बन चुके हैं.
2005 में चुने गए थे पाकुड़ से विधायक
बता दें कि पाकुड़ में 2005 में आलमगीर आलम विधायक चुने गए थे. उन्होंने झारखंड मुक्ति मोर्चा के अकील अख्तर को 18066 वोटों से हराया था. 2009 में झामुमो के अकील अख्तर विधायक बन गए थे. लेकिन 2014 में अचानक राजनीतिक बदलाव हो गया. कांग्रेस से विधायक रहे आलमगीर आलम ने तब झारखंड मुक्त मोर्चा के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत गए थे.
सीएम के साथ ली थी मंत्रीपद की शपथ
झारखंड में कांग्रेस में आलमगीर आलम के कद का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद हाल ही में झारखंड में बनाई गई नई चंपई सौरेन की सरकार में आलमगीर आलम को डिप्टी सीएम बनाए जाने की चर्चा थी. उन्होंने सीएम चंपई सोरेन के साथ ही शपथ ली थी. हालांकि, चंपई कैबिनेट में कांग्रेस कोटे से पुराने चेहरों को दोहराए जाने से विधायकों में पार्टी नेतृत्व के प्रति गहरी नाराजगी थी. ये विधायक हेमंत सोरेन मंत्रिमंडल में शामिल रहे कांग्रेस कोटे के सभी चेहरों को इस बार बदलने की मांग कर रहे थे.
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