कोविड: जब आखिरी सांस ले रही थी मुस्लिम महिला...तो हिन्दू डॉक्टर ने सुनाया कलमा
AajTak
'मैने धीरे से मरीज के कान के पास कलमा पढ़ा और आंखें बंद कीं. जैसे ही मैंने कलमा पूरा पढ़ा, मरीज ने गहरी सांस ली और मॉनिटर पर लाइन फ्लैट हो गई.'
कोविड-19 से जुड़ी भयावहता की रिपोर्ट्स के बीच मानवता को सुकून देने वाली खबरों की भी कमी नहीं हैं. केरल की एक हिन्दू डॉक्टर ने ऐसा ही उदाहरण प्रस्तुत किया है. डॉ रेखा कृष्णा पलक्कड के पट्टांबी में एक प्राइवेट अस्पताल में कोविड मरीजों के इलाज में जुटी हैं. सेवाना हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में भर्ती एक मुस्लिम महिला की कोविड-19 के साथ निमोनिया से भी पीड़ित होने की वजह से हालत नाजुक थी. महिला को दो हफ्ते पहले अस्पताल में भर्ती किया गया था. वो ICU में थी. कोविड ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल की वजह से मरीज के रिश्तेदारों को पास जाने की अनुमति नहीं थी. 17 मई तक मरीज की तबीयत काफी बिगड़ गई और अहम अंगों ने काम करना बंद कर दिया.हिट एंड रन की ये घटना 19 मई की है. पुणे के कल्याणी नगर इलाके में रियल एस्टेट डेवलपर विशाल अग्रवाल के 17 साल आठ महीने के बेटे ने अपनी स्पोर्ट्स कार पोर्श से बाइक सवार दो इंजीनियरों को रौंद दिया था, जिससे दोनों की मौत हो गई थी. इस घटना के 14 घंटे बाद नाबालिग आरोपी को कोर्ट से कुछ शर्तों के साथ जमानत मिल गई थी. हालांकि बाद में आरोपी को फिर से कस्टडी में लेकर जुवेनाइल सेंटर भेज दिया गया.
एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना आइजोल शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके में मेल्थम और ह्लिमेन के बीच के इलाके में सुबह करीब छह बजे हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि भूस्खलन के प्रभाव के कारण कई घर और श्रमिक शिविर ढह गए, जिसके मलबे के नीचे कम से कम 21 लोग दब गए. अब तक 13 शव बरामद किए जा चुके हैं और आठ लोग अभी भी लापता हैं.