केजरीवाल सरकार को सुप्रीम कोर्ट से झटका, मार्शल योजना से जुड़ी याचिका पर सुनवाई से इनकार
AajTak
एलजी वीके सक्सेना ने 27 अक्टूबर को 1 नवंबर से सभी नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों की सेवाएं समाप्त करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी. सक्सेना ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उन नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों की भर्ती पर विचार करने का भी निर्देश दिया था जिनकी सेवाएं होम गार्ड के रूप में समाप्त कर दी गई थीं.
सुप्रीम कोर्ट ने डीटीसी बसों में मार्शल के रूप में काम करने वाले सभी नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों की सेवाएं समाप्त करने के उपराज्यपाल वी.के सक्सेना के फैसले को चुनौती देने वाली दिल्ली सरकार की याचिका पर विचार करने से गुरुवार को इनकार कर दिया.
चीफ जस्टिस डी.वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जे बी पारदीवाला व जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने आम आदमी पार्टी की सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी की दलीलों पर ध्यान दिया और उनसे याचिका पर जल्दी सुनवाी के लिए दिल्ली हाईकोर्ट जाने को कहा.
न्यूज एजेंसी के मुताबिक कोर्ट में सिंघवी ने कहा कि सरकार की लोकप्रियता बढ़ाने वाली सभी अच्छी योजनाएं रोकी जा रही हैं. क्या यह (मार्शलों की सेवाएं समाप्त करना) एलजी के अंतर्गत आता है? वह इसे कैसे रोक सकते हैं?
इस पर सीजेआई ने कहा कि हमें (संविधान के) अनुच्छेद 32 के तहत इस पर विचार क्यों करना चाहिए? दिल्ली हाईकोर्ट को इससे निपटने दीजिए. हम पहले ही संवैधानिक मामलों (सेवाओं पर नियंत्रण के लिए सरकार और एलजी के बीच कानूनी खींचतान) से निपट चुके हैं. याचिका में बस मार्शल योजना को फिर से चालू करने की मांग की गई है. हमारे विचार में, उचित उपाय हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना होगा. यदि याचिकाकर्ता हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाता है तो इस पर जल्दी सुनवाई होगी.
बता दें कि एलजी वीके सक्सेना ने 27 अक्टूबर को 1 नवंबर से सभी नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों की सेवाएं समाप्त करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी. सक्सेना ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उन नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों की भर्ती पर विचार करने का भी निर्देश दिया था जिनकी सेवाएं होम गार्ड के रूप में समाप्त कर दी गई थीं.
यह घटनाक्रम तब हुआ जब मुख्यमंत्री ने दिल्ली के गृह मंत्री कैलाश गहलोत से नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों को होम गार्ड के रूप में नियुक्त करने और उन्हें बस मार्शल के रूप में नियुक्त करने के लिए कहा था.
केरल में ड्राइविंग के दौरान नियमों की धजी उड़ाने वाले शख्स पर कार्रवाई करते हुए मोटर व्हीकल विभाग ने तीन महीने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस सस्पेंड कर दिया है. अलप्पुझा के क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) आर. रामनन की जांच के बाद आरोपी पुजारी बैजू विंसेंट के खिलाफ कार्रवाई करते हुए तीन महीने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस सस्पेंड कर किया गया है.
दिल्ली-कनाडा फ्लाइट को बीते सप्ताह उड़ाने की धमकी एक मेल के जरिए दी गई थी. इस मामले में पुलिस ने 13 साल के एक बच्चे को पकड़ा है. यह मेल बच्चे ने हंसी-मजाक में भेज दिया था. वह यह देखना चाहता था कि धमकी भरा मेल भेजने के बाद पुलिस उसे ट्रेस कर पाती है या नहीं. अब उसे जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के सामने पेश किया जाएगा.
‘जिस घर में कील लगाते जी दुखता था, उसकी दीवारें कभी भी धसक जाती हैं. आंखों के सामने दरार में गाय-गोरू समा गए. बरसात आए तो जमीन के नीचे पानी गड़गड़ाता है. घर में हम बुड्ढा-बुड्ढी ही हैं. गिरे तो यही छत हमारी कबर (कब्र) बन जाएगी.’ जिन पहाड़ों पर चढ़ते हुए दुख की सांस भी फूल जाए, शांतिदेवी वहां टूटे हुए घर को मुकुट की तरह सजाए हैं. आवाज रुआंसी होते-होते संभलती हुई.