
कुवैत में भारतीयों के लिए काल बना लेबर कैंप, भीषण आग लगने से 40 की मौत, 30 घायल
AajTak
कुवैत के मंगाफ में एक इमारत में आग लगने से 41 लोगों की मौत हो गई. मरने वालों में 40 भारतीय शामिल हैं. कुवैत में भारतीय दूतावास ने कहा कि आग की घटना में 30 से अधिक भारतीय श्रमिक घायल हो गए.
कुवैत के मंगाफ में बुधवार सुबह एक इमारत में लगी भीषण आग में 41 लोगों की मौत हो गई और 30 घायल हो गए. मरने वालों में 40 भारतीय शामिल हैं. कुवैत में भारतीय दूतावास ने कहा कि आग की घटना में 30 से अधिक भारतीय श्रमिक घायल हो गए. घटना स्थानीय समयानुसार सुबह 6 बजे मंगाफ शहर में हुई. न्यूज एजेंसी रायटर के हवाले से एक वरिष्ठ पुलिस कमांडर ने स्टेट टीवी को बताया, 'जिस इमारत में आग लगी, उसका इस्तेमाल श्रमिकों के आवास के लिए किया जाता था और वहां बड़ी संख्या में श्रमिक थे.'
अधिकारियों ने बताया कि आग बुधवार तड़के कुवैत के दक्षिणी अहमदी प्रांत के मंगाफ इलाके में छह मंजिला इमारत की रसोई में लगी. अधिकारियों ने आग लगने के कारणों की जांच शुरू कर दी है. बताया जाता है कि इमारत में करीब 160 लोग रहते थे, जो एक ही कंपनी के कर्मचारी हैं.
कुवैत में भारतीय दूतावास ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, 'भारतीय श्रमिकों से जुड़ी आग की दुखद घटना के संबंध में दूतावास ने एक इमरजेंसी हेल्पलाइन नंबर +965-65505246 शुरू किया है. सभी संबंधित लोगों से अनुरोध है कि वे अपडेट के लिए इस हेल्पलाइन से जुड़ें. दूतावास हर संभव सहायता करेगा.'
घायलों से मिले भारत के राजदूत कुवैत में भारत के राजदूत आदर्श स्वैका ने अल-अदन अस्पताल का दौरा किया, जहां आग की घटना में घायल हुए 30 से अधिक भारतीय लेबर को भर्ती कराया गया है. उन्होंने कई मरीजों से मुलाकात की और उन्हें दूतावास की ओर से पूरी सहायता का आश्वासन दिया. अस्पताल अधिकारियों ने बताया कि लगभग सभी की हालत स्थिर है.
विदेश मंत्री एस. जयशंकर का ट्वीट कुवैत शहर में आग लगने की घटना पर विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने X पर कहा, 'आग लगने की घटना सुनकर बहुत दुख हुआ. खबर है कि 40 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है और 50 से ज्यादा लोग अस्पताल में भर्ती हैं. हमारे राजदूत शिविर में गए हैं. हम आगे की जानकारी का इंतजार कर रहे हैं. दुखद रूप से अपनी जान गंवाने वालों के परिवारों के प्रति मेरे गहरी संवेदना है. घायलों के शीघ्र और पूर्ण स्वस्थ होने की कामना करता हूं. हमारा दूतावास इस संबंध में सभी संबंधित लोगों को पूरी सहायता देगा.'

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की खास बातचीत में आतंकवाद विषय पर महत्वपूर्ण विचार साझा किए गए. इस बातचीत में पुतिन ने साफ कहा कि आतंकवादियों का समर्थन नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि यदि आजादी के लिए लड़ना है तो वह कानून के दायरे में होना चाहिए. पुतिन ने ये भी बताया कि आतंकवाद से लड़ाई में रूस भारत के साथ मजबूती से खड़ा है.

जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'पंद्रह साल पहले, 2010 में, हमारी साझेदारी को स्पेशल प्रिविलेज्ड स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप का दर्जा दिया गया था. पिछले ढाई दशकों में राष्ट्रपति पुतिन ने अपने नेतृत्व और विजन से इस रिश्ते को लगातार आगे बढ़ाया है. हर परिस्थिति में उनके नेतृत्व ने हमारे संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ ग्लोबल सुपर एक्सक्लूसिव बातचीत की. आजतक से बातचीत में राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि मैं आज जो इतना बड़ा नेता बना हूं उसके पीछे मेरा परिवार है. जिस परिवार में मेरा जन्म हुआ जिनके बीच मैं पला-बढ़ा मुझे लगता है कि इन सब ने मिलाकर मुझे वो बनाया है जो आज मैं हूं.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के साथ खास बातचीत में बताया कि भारत-रूस के संबंध मजबूत होने में वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का महत्वपूर्ण योगदान है. पुतिन ने कहा कि वे पीएम मोदी के साथ काम कर रहे हैं और उनके दोस्ताना संबंध हैं. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत को प्रधानमंत्री मोदी के साथ काम करने पर गर्व है और वे उम्मीद करते हैं कि मोदी नाराज़ नहीं होंगे.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास बातचीत की गई है जिसमें उन्होंने रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी की क्षमता और विश्व की सबसे अच्छी एजेंसी के बारे में अपने विचार साझा किए हैं. पुतिन ने कहा कि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी अच्छा काम कर रही है और उन्होंने विश्व की अन्य प्रमुख एजेंसियों की तुलना में अपनी एजेंसी की क्षमता पर गर्व जताया.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.







