
किसान आंदोलन के बीच चर्चा में हैं पोकलेन मशीनें, इन पर क्यों सख्त है केंद्र-हरियाणा सरकार
AajTak
किसान सीमा पर बड़े और भारी-भारी वाहन लेकर डटे हुए हैं. इनमें मॉडिफाइड ट्रैक्टर, बड़े-बड़े ट्राले, जेसीबी और पोकलेन भी शामिल हैं. ट्रैक्टर, ट्राले, जेसीबी से तो लोग परिचित है, बल्कि सोशल मीडिया पर जेसीबी के कई मीम भी शेयर होते रहे हैं, लेकिन पोकलेन क्या है और कैसे काम करता है.
सरकार के साथ चार बार की बातचीत बेनतीजा निकलने के बाद एक बार फिर सरकार ने किसानों को बातचीत के लिए न्योता दिया है. इस आमंत्रण के बाद अब किसान आपस में बैठक कर रहे हैं. इससे पहले तक किसान संगठन बुधवार को दिल्ली की तरफ कूच करने की कोशिश में थे. आंदोलन में शामिल 14 हजार किसान अपने 1200 ट्रैक्टरों के साथ शंभू बॉर्डर क्रॉस करना चाह रहे हैं. इसे देखते हुए शंभू और खनौरी बॉर्डर पर स्पेशल अलर्ट है. पंजाब के DGP ने सभी रेंज के ADG, IGP और DIG को पत्र लिखकर कहा है कि वे किसी भी हालत में भारी वाहन जैसे, पोकलेन, जेसीबी, टिपर और हाइड्रा को पंजाब-हरियाणा की खनौरी और शंभू बॉर्डर की तरफ आगे न बढ़ने दें.
शंभू बॉर्डर पर किसानों ने प्रदर्शन की पूरी तैयारी कर रखी है. पोकलेन और जेसीबी के साथ-साथ करीब 1200 ट्रैक्टर तैनात हैं. उधर, 5वें दौर की बातचीत के लिए सरकार तैयार हो गई है. कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने बताया कि वे आगे भी किसानों से बातचीत के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा, शांति बनाए रखना जरूरी है. किसानों ने सरकार के सामने 13 सूत्रीय मांगें रखी थीं, इनमें 10 पर सहमति बन गई है. तीन मांगें पूरी किए जाने पर को लेकर पेच फंसा है. सरकार का कहना है कि इन मांगों को पूरा करने के लिए वक्त की जरूरत है. हालांकि, सरकार ने एमएसपी गारंटी को लेकर किसानों के सामने फॉर्मूला भी रखा था. किसान आंदोलन और उनकी दिल्ली कूच के बीच एक शब्द बार-बार अपनी ओर ध्यान खींच रहा है.
असल में किसान सीमा पर बड़े और भारी-भारी वाहन लेकर डटे हुए हैं. इनमें मॉडिफाइड ट्रैक्टर, बड़े-बड़े ट्राले, जेसीबी और पोकलेन भी शामिल हैं. ट्रैक्टर, ट्राले, जेसीबी से तो लोग परिचित है, बल्कि सोशल मीडिया पर जेसीबी के कई मीम भी शेयर होते रहे हैं, लेकिन पोकलेन क्या है और कैसे काम करता है.
इस मशीन अर्थात् पोकलेन मशीन का उपयोग सुरंग बनाने के काम आती है. पोकलेन मशीन की सहायता से ही पहाड़ो के नीचे (अंदर) रास्ता बनाया जाता है. पोक्लेन मशीन बनाने वाली कंपनी फ्रांस में 1927 में स्टैबलिश हुई थी. जॉर्जेस बटैले और फिर उनके बेटों पियरे और क्लाउड बटैले ने जैक्स और बर्नार्ड बटैले की मदद से इसे विकसित किया था. बड़ी पहाड़ी सुरंगों की खुदाई, सड़कों के निर्माण और गहराई वाला बड़े व्यास का गड्ढा खोदने के लिए पोकलेन की जरूरत पड़ती है. जेसीबी की ही तरह, सड़क पर चलने वाले भारी वाहन की तरह विकसित पोकलेन किसी भी इन्फ्रास्ट्रक्चर के निर्माण के लिए प्रमुख साधन है. पोक्लेन रेडियल पिस्टन हाइड्रोलिक मोटर बनाती है, जिसका उपयोग ज्यादातर औद्योगिक और हाईवे वाले वाहनों में किया जाता है.
बता दें कि किसान जेसीबी और पोकलेन लेकर सड़कों पर डटे हैं तो पुलिस भी अलर्ट है. हरियाणा पुलिस ने किसानों को भारी मशीन उपलब्ध कराने वालों के लिए अलर्ट जारी किया है. पुलिस ने कहा है कि कृपया प्रदर्शनकारियों को अपने उपकरणों की सेवाएं प्रदान न करें. कृपया इन मशीनों को विरोध स्थल से हटा लें. इन मशीनों का इस्तेमाल सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचाने के लिए किया जा सकता है. यह एक गैर जमानती अपराध है और आपको आपराधिक रूप से उत्तरदायी ठहराया जा सकता है.
पंजाब के डीजीपी ने पुलिस अधिकारियों को पत्र लिखकर कहा है कि किसी भी जेसीबी, पोकलेन, टिपर, हाइड्रा और दूसरी शक्तिशाली मशीनों को खनौरी और शंभू बॉर्डर तक पहुंचने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. किसान आंदोलन चल रहा है और इनपुट से संकेत मिलता है कि प्रदर्शनकारियों की हरियाणा पुलिस के बैरिकेड्स को तोड़ने और हरियाणा में प्रवेश करने की योजना है. पत्र में कहा गया है कि यह कदम दोनों राज्यों में कानून व्यवस्था की स्थिति को बिगाड़ देगा.

इंडिगो की फ्लाइट्स लगातार कैंसिल हो रही हैं और सरकार इसकी सख्ती से जांच कर रही है. यात्रियों की समस्या बढ़ने पर सरकार ने इंडिगो के अधिकारियों को तलब किया है और एयरफेयर पर प्राइस कैपिंग लगाई गई है. 500 किलोमीटर तक किराया साढ़े 7 हजार रुपए जबकि लंबी दूरी के लिए अधिकतम अठारह हजार रुपए निर्धारित किए गए हैं. यात्रियों को रिफंड न मिल पाने की शिकायतें भी बढ़ रही हैं. देखें विशेष.

देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो के बड़े ऑपरेशनल संकट के बीच सरकार ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा है कि इस मामले में ऐसी कड़ी कार्रवाई होगी जो पूरे एविएशन सेक्टर के लिए मिसाल बनेगी. नागर विमानन मंत्री राम मोहन नायडू ने इंडिगो पर जवाबदेही तय करने की बात कही और पूछा कि 3 दिसंबर से ही इतनी भारी अव्यवस्था क्यों शुरू हुई.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कार्यक्रम में कहा कि भारत आज वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच स्थिरता और भरोसे का स्तंभ बनकर उभरा है. उन्होंने बताया कि देश की GDP वृद्धि 8 प्रतिशत से अधिक रही है, जबकि सुधार अब दीर्घकालिक लक्ष्यों के अनुरूप किए जा रहे हैं. PM मोदी ने गुलामी की मानसिकता से बाहर निकलने, पूर्वी भारत और छोटे शहरों में क्षमता बढ़ाने, ऊर्जा और मोबाइल निर्माण जैसे क्षेत्रों में तेजी से हुई प्रगति पर भी जोर दिया.

नवंबर में गाजियाबाद देश का सबसे प्रदूषित शहर रहा, जबकि दिल्ली चौथे स्थान पर रही. उत्तर प्रदेश और हरियाणा के कई शहरों ने भी उच्च PM2.5 स्तर दर्ज किए. पराली जलाने का प्रभाव कम होने के बावजूद प्रदूषण अधिक रहा. शिलांग सबसे स्वच्छ शहर रहा. रिपोर्ट ने वर्षभर के प्रदूषण के मुख्य स्रोत परिवहन, उद्योग और ऊर्जा संयंत्र बताए हैं.

लोकसभा में शुक्रवार को कई प्राइवेट मेंबर बिल पेश किए गए, जिनमें सुप्रिया सुले का राइट टू डिस्कनेक्ट बिल, 2025 शामिल है, जो कर्मचारियों को ऑफिस समय के बाद काम से जुड़े कॉल और ईमेल से मुक्त रहने का अधिकार देने का प्रस्ताव करता है. कांग्रेस सांसद कडियम काव्या का मेनस्ट्रुअल बेनिफिट्स बिल, 2024 और लोजपा सांसद शंभवी चौधरी का बिल महिलाओं और छात्राओं के लिए पेड पीरियड लीव सुनिश्चित करने पर केंद्रित है.

दिल्ली के टिकरी कलां में एक किराना दुकान में आग लगने से पति-पत्नी की दम घुटने से मौत हो गई. दुकान के अंदर धुआं भरने के बीच करंट लगने के कारण शटर नहीं खुल पाया और दोनों बाहर नहीं निकल सके. पुलिस ने बताया कि आग शॉप काउंटर में शॉर्ट सर्किट से लगी, जिससे प्लास्टिक सामग्री ने आग पकड़ ली और धुआं तेजी से फैल गया. पुलिस मामले की जांच कर रही है.

इंडिगो संचालन संकट के कारण कई उड़ानें रद्द होने और क्षमता घटने से अचानक बढ़े किरायों पर रोक लगाने के लिए सरकार ने घरेलू उड़ानों पर अधिकतम किराया सीमा लागू कर दी है, जिसके तहत 500 किमी तक 7,500 रुपये, 500–1000 किमी के लिए 12,000 रुपये, 1000–1500 किमी के लिए 15,000 रुपये और 1500 किमी से अधिक दूरी के लिए 18,000 रुपये से ज्यादा किराया नहीं लिया जा सकेगा.






