कान के मैल से पहचानें ये घातक बीमारी, कहीं आप तो नहीं शिकार?
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क्या आप जानते हैं ये हमारे कान की सफाई और सुरक्षा के लिए भी बहुत जरूरी है. इतना ही नहीं, एक्सपर्ट कहते हैं कि कान के मैल से गंभीर बीमारियों को डिटेक्ट और मॉनिटर किया जा सकता है. ये डायबिटीज की बीमारी के बारे में भी बता सकता है.
कान में मैल का जमा होना बेहद सामान्य सी बात है. क्या आप जानते हैं ये हमारे कान की सफाई और सुरक्षा के लिए भी बहुत जरूरी है. इतना ही नहीं, एक्सपर्ट कहते हैं कि कान के मैल से गंभीर बीमारियों को डिटेक्ट और मॉनिटर किया जा सकता है. ये डायबिटीज की बीमारी के बारे में भी बता सकता है. कान का मैल (ईयरवैक्स) कान के बाहरी हिस्से में रहता है. यह नैचुरल ऑयल और पसीने से बना होता है, जो डेड स्किन सेल्स और बालों के साथ मिला होता है. इंसान के कान में अक्सर दो तरह के ईयवैक्स पाए जाते हैं और ये सबकुछ इंसान के जेनेटिक्स पर ही निर्भर करता है. स्पेक्सेवर्स के चीफ ऑडियोलॉजिस्ट गॉर्डन हैरिसन ने express.co.uk से बताया, 'कुछ लोगों के कान में ड्राई और पपड़ी जैसा वैक्स होता है तो कुछ के कान में नरम यानी जेल जैसा वैक्स होता है. इसका रंग अमूमन ब्राउन या ऑरेंज होता है. मेडिकल भाषा में इसे सेरुमेन कहा जाता है.'More Related News
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