कांग्रेस में नहीं रहेंगे कैप्टन, सिद्धू के अगले कदम का इंतजार, कहां तक जाएगा पंजाब में उठा तूफान
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पंजाब का सियासी दंगल लगातार दिलचस्प होता जा रहा है. नवजोत सिंह सिद्धू ने प्रदेश अध्यक्ष के पद से इस्तीफा देकर बगावत की तो अब कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस छोड़ने की बात कह दी है. ऐसे में पंजाब कांग्रेस में आगे क्या होता है, इसपर हर किसी की नज़र है.
Punjab Congress Fight: पंजाब की राजनीति हर दिन अपना कलेवर बदल रही है. कांग्रेस पार्टी के भीतर की गुत्थी लगातार उलझती जा रही है और रोज़ कुछ नया हंगामा खड़ा हो रहा है. बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलने वाले कैप्टन अमरिंदर सिंह ने गुरुवार को नया धमाका किया और ऐलान कर दिया कि वह अब कांग्रेस में नहीं रहेंगे.
मैं बीजेपी में नहीं जा रहा हूं, लेकिन कांग्रेस में भी नहीं रहूंगा. इस तरह का बर्ताव बर्दाश्त नहीं कर सकता हूं.
1 जून यानी कल चुनाव का आखिरी दौर है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर ध्यानमग्न हैं. 2019 में फाइनल राउंड से पहले प्रधानमंत्री ने केदारनाथ में 17 घंटे तक साधना की थी. इस बार पीएम 45 घंटे तक ध्यान में हैं. पीएम विवेकानंद रॉक मेमोरियल के ध्यान मंडपम में कल शाम से ध्यान पर हैं, जो कल शाम 6 बजकर 45 मिनट तक चलेगा. पीएम की साधना तस्वीरें आ गई हैं. विवेकानंद मेमोरियल रॉक के ध्यान मंडपम में पीएम ध्यान में हैं. इसके अलावा वो सूर्य नमस्कार करते हुए भी नजर आ रहे हैं.
कई इलाकों में लोगों को पानी के टैंकरों के पीछे बाल्टी और पाइप लेकर दौड़ते देखा जा सकता है. पानी का टैंकर देखते ही लोग उस पर झपट पड़ते हैं जिसके कई वीडियो सामने आए हैं. लोग लंबी-लंबी लाइनों में लगे हुए हैं. संकट इतना बड़ा है कि गुरुवार को दिल्ली सरकार को इमरजेंसी बैठक बुलानी पड़ी. इसके अलावा पानी की बर्बादी पर जुर्माना लगाया ही जा चुका है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कन्याकुमारी में ध्यान कर रहे हैं. ठीक 131 साल पहले उसी जगह एक और नरेंद्र ने ध्यान लगाया था और वहां ध्यान करने के बाद वो शिकागो (अमेरिका) में विश्व धर्म संसद में भाषण देने के लिए पहुंचे थे. बाद में आगे चलकर दुनिया ने उन्हें स्वामी विवेकानंद के नाम से जाना. कन्याकुमारी में उनके ध्यान ने हिंदू धर्म की रूपरेखा बदल दी थी.