
कर्नाटक के बेलगाम में गन्ना किसानों का प्रदर्शन हुआ उग्र, पथराव में कई पुलिसवाले घायल
AajTak
कर्नाटक के बेलगाम में 7 दिनों से जारी गन्ना किसानों का प्रदर्शन शुक्रवार को हिंसक हो गया. उग्र प्रदर्शनकारियों ने पुणे-बेंगलुरु राजमार्ग पर पथराव किया, जिसमें एक पुलिस बस क्षतिग्रस्त हो गई और कई जवान घायल हो गए. गन्ना किसान 3500 रुपये/टन एमएसपी मांग रहे हैं.
कर्नाटक के बेलगाम जिले में गन्ना किसानों का धरना प्रदर्शन सातवें दिन उस वक्त हिंसक हो गया, जब प्रदर्शनकारियों ने पुणे-बेंगलुरु राष्ट्रीय राजमार्ग पर पथराव किया. किसानों ने सुवर्ण सौधा (बेलगाम में स्थित कर्नाटक राज्य का दूसरा विधानमंडल भवन) के पास राजमार्ग अवरुद्ध कर दिया. उग्र किसानों ने स्थिति संभालने के लिए तैनात एक पुलिस बस पर पत्थर फेंके, जिससे बस का शीशा टूट गया और कुछ पुलिसकर्मी घायल हो गए. आक्रोशित किसानों ने नारे लगाते हुए कहा कि सरकार उनकी मांगों को अनदेखा कर रही है.
पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की और पथराव करने वाले कुछ प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया. कर्नाटक रक्षण वेदिके के सदस्यों ने भी राजमार्ग ब्लॉक किया, लेकिन पुलिस ने उन्हें हटा दिया. जिला बार एसोसिएशन के कुछ सदस्य भी गुरलापुर में प्रदर्शन में शामिल हो गए. इधर, राजधानी बेंगलुरु स्थित विधानसभा में मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की. कर्नाटक के कानून और संसदीय मामलों के मंत्री एच.के. पाटिल ने 5 नवंबर को किसानों को आश्वासन दिया था कि सीएम 6 नवंबर को किसानों से और 7 नवंबर को चीनी मिल मालिकों से मिलेंगे.
गन्ना किसानों की क्या है मांग?
किसान संगठनों की कर्नाटक सरकार से मांग है कि गन्ने का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 3500 रुपये प्रति टन किया जाए, जबकि केंद्र सरकार ने 2025-26 सीजन के लिए फेयर एंड रेम्युनरेटिव प्राइस (FRP) 3550 रुपये प्रति टन तय किया है. लेकिन किसानों का कहना है कि गन्ने की कटाई और परिवहन लागत हटाने के बाद उनके हाथ में महज 2,600 से 3,000 रुपये ही बचते हैं. वहीं पड़ोसी महाराष्ट्र में चीनी मिलें किसानों को गन्ने का मूल्य 3,410-3,500 रुपये प्रति टन दे रही हैं, जिससे कर्नाटक के किसान आक्रोशित हैं.
यह भी पढ़ें: 'ये आदमी बेलगाम तोप है...', अमेरिकी एक्सपर्ट ने भारत की आलोचना पर पीटर नवारो को सुनाई खरी-खरी
कर्नाटक के गन्ना किसानों की मांग है कि एफआरपी के बाद राज्य सरकार उन्हें 500 रुपये प्रति टन के हिसाब इंसेंटिव दे. इसके लिए वे राज्य की कांग्रेस सरकार से 5,000 करोड़ रुपये का रिवॉल्विंग फंड घोषित करने की मांग कर रहे हैं. गुरलापुर में शुरू हुआ यह अनिश्चितकालीन धरना अब पूरे उत्तर कर्नाटक में फैल चुका है. हजारों किसान चीखोड़ी, अथनी, जंबोटी, गोकाक और मुदलगी जैसे कस्बों में सड़कों पर उतर आए हैं. कन्नड़ संगठनों का समर्थन मिलने से प्रदर्शन और तीव्र हो गया है.

आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है. यानी दोनों देशों का संबंध एक ऐसा अटल सत्य है, जिसकी स्थिति नहीं बदलती. सवाल ये है कि क्या पुतिन का ये भारत दौरा भारत-रूस संबंधों में मील का पत्थर साबित होने जा रहा है? क्या कच्चे तेल जैसे मसलों पर किसी दबाव में नहीं आने का दो टूक संकेत आज मिल गया? देखें हल्ला बोल.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर में जमा पैसा देवता की संपत्ति है और इसे आर्थिक संकट से जूझ रहे सहकारी बैंकों को बचाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें थिरुनेल्ली मंदिर देवस्वोम की फिक्स्ड डिपॉजिट राशि वापस करने के निर्देश दिए गए थे. कोर्ट ने बैंकों की याचिकाएं खारिज कर दीं.

देश की किफायत विमानन कंपनी इंडिगो का ऑपरेशनल संकट जारी है. इंडिगो को पायलट्स के लिए आए नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों को लागू करने में भारी दिक्कत आ रही है. इस बीच आज इंडिगो की 1000 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हो गई है, जिस पर कंपनी के सीईओ का पहला बयान सामने आया है. इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने इंडिगो ऑपरेशनल संकट पर पहली बार बयान देते हुए कहा कि पिछले कुछ दिनों से विमानन कंपनी के कामकाज में दिक्कतें आ रही हैं. कंपनी का कामकाज पांच दिसंबर को सबसे अधिक प्रभावित हुआ है. आज 100 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हुई हैं.

संसद के शीतकालीन सत्र में 8 और 9 दिसंबर 2025 को राष्ट्रगीत वंदे मातरम् पर दोनों सदनों में विशेष चर्चा होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री इस चर्चा को संबोधित करेंगे. चर्चा का उद्देश्य वंदे मातरम् के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान, ऐतिहासिक महत्व और वर्तमान प्रासंगिकता को उजागर करना है.

भारत-रूस बिजनेस फोरम में पीएम मोदी ने कहा कि भारत और रूस के बीच संबंध मजबूत हो रहे हैं और दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण लक्ष्यों को निर्धारित किया है. राष्ट्रपति पुतिन के साथ चर्चा में यह स्पष्ट हुआ कि व्यापार लक्ष्य समय से पहले पूरा किया जाएगा. कई क्षेत्रों जैसे लॉजिस्टिक्स, कनेक्टिविटी, मरीन प्रोडक्ट्स, ऑटोमोबाइल, फार्मा, और टेक्सटाइल में सहयोग को आगे बढ़ाया जा रहा है.

जम्मू-कश्मीर के 711 अग्निवीर आज भारतीय सेना का हिस्सा बन गए हैं. श्रीनगर स्थित जम्मू कश्मीर लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट सेंटर में इन्हें कठोर प्रशिक्षण दिया गया, जिसके बाद ये अग्निवीर देश की सुरक्षा के लिए सीमाओं पर तैनात होंगे. इससे न केवल भारतीय सेना की क्षमता में वृद्धि हुई है, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा भी मजबूत हुई है.







