कभी स्कूल गर्ल बनती है कभी एथलीट, ये महिला भेष बदलकर 50 से अधिक चोरियों को दे चुकी हैं अंजाम, हुई अरेस्ट
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भेष और नाम बदलने में माहिर 31 वर्षीय ऑस्ट्रेलियाई महिला आखिर सलाखों के पीछे पहुंच ही गई.
भेष और नाम बदलने में माहिर 31 वर्षीय ऑस्ट्रेलियाई महिला आखिर सलाखों के पीछे पहुंच ही गई. वेबसाइट daily star के मुताबिक आरोपी महिला द्वारा 50 से ज्यादा आपराधिक वारदातों को अंजाम दिया गया. अदालत ने उसे दो साल की सजा सुनाई है. (प्रतीकात्मक फोटो/Getty images) अपराधों की लंबी लिस्ट बना चुकी इस जालसाज महिला का नाम सामंथा अजोपार्डी है. 31 वर्ष की इस महिला ने ऐसे कारनामे किए हैं, जिन्हें जानकर हैरान रह जाएंगे. कभी स्कूल गर्ल, तो कभी एथलीट बनकर कई लोगों को ठगी का शिकार बनाया है. साफ शब्दों में समझा जाए, तो लोगों को अपने जाल में फंसाकार इस महिला के द्वारा आपराधिक वारदातों को अंजाम दिया जाता था. (प्रतीकात्मक फोटो/Getty images)एक हेलिकॉप्टर हादसे में, ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की मौत हो गई. इस हादसे में विदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियन, पूर्वी अजरबैजान प्रांत के गवर्नर, मालेक रहमती और धार्मिक नेता, मोहम्मद अली आले-हाशेम की भी मौत हो गई है. ऐसा पहली बार नहीं है जब एयर क्रैश में किसी वीवीआईपी हस्ती की मौत हुई हो. कई बार ऐसे मौके आए जब दुनिया ने हेलिकॉप्टर और प्लेन दुर्घटना में मारे गये नामों को सुना और चकित रह गई. आइए जानते हैं ऐसे ही 10 हादसों के बारे में.
शिया धर्मगुरु सैयद अहमद मुसावी का जन्म उत्तर प्रदेश के बाराबंकी के पास किंटूर नामक एक छोटे से शहर में हुआ था. बीबीसी पत्रकार बाकर मोईन के अनुसार, मुसावी ने भारत के साथ अपना जुड़ाव दिखाने के लिए सरनेम के रूप में 'हिंदी' का इस्तेमाल किया. उनके पोते रुहोल्ला खुमैनी को आगे चलकर 1979 की ईरानी क्रांति का जनक कहा गया.
हेलीकाप्टर हादसे में मारे गए ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी को दफन कर दिया गया. उससे पहले उनके ताबूत को ईरान की सड़कों पर घुमाया गया. लोगों का हुजुम अपने नेता के अंतिम दर्शन करने के लिए सड़कों पर उमड़ पडा. लोगों के हाथ में रईसी के पोस्टर थे. कई लोग रो रहे थे. रविवार को रईसी का हेलीकॉप्टर अजरबैजान में क्रैश हो गया था
ईरान में सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई चर्चा में हैं. राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की मौत के बाद सुप्रीम लीडर खामेनेई सभी बड़े और जरूरी फैसले ले रहे हैं. उन्होंने देश में कार्यवाहक राष्ट्रपति भी नियुक्त कर दिया है. सुप्रीम लीडर को ईरान में सबसे बड़ा धर्मगुरु भी माना जाता है. वो ही देश से जुड़े सभी मामलों पर अंतिम फैसला देते हैं. ईरान का सुप्रीम लीडर ही राष्ट्र प्रमुख होता है और 'कमांडर इन चीफ' भी होता है.