
ओडिशा, झारखंड और पश्चिम बंगाल में तलाशी अभियान के दौरान मिले 351 करोड़, भारी मात्रा में गहने भी जब्त
AajTak
जिस ग्रुप के ठिकानों पर तलाश अभियान चलाया गया, वहां की तमाम व्यावसायिक गतिविधियों को देखने वाले खास कर्मचारियों ने कुबूल किया है कि तलाशी अभियान के दौरान मिली और जब्त की गई नकदी, समूह की बेहिसाब आय का हिस्सा है.
आयकर विभाग की टीम ने ओडिशा, झारखंड और पश्चिम बंगाल में चलाए गए व्यापक तलाशी अभियान के तहत भारी मात्रा में नकदी जब्त की है. तलाशी के दौरान आयकर अधिकारियों ने दस्तावेजों और डिजिटल डेटा के रूप में बड़ी संख्या में आपत्तिजनक सबूत जब्त किए हैं. जिनसे देशी शराब की बेहिसाब बिक्री के रिकॉर्ड, अघोषित नकदी प्राप्तियों के व्यवस्थित विवरण और बेहिसाब नकदी के लेन-देन का पता चला है.
आयकर विभाग ने देशी शराब के निर्माण और बिक्री के कारोबार में लगे एक समूह के ठिकानों पर तलाशी और जब्ती अभियान चलाया. ये ग्रुप अनाज आधारित शराब, विदेशी शराब की बोतलें भरना, अस्पताल और शैक्षणिक संस्थान चलाना आदि जैसे काम करता है. बीती 6 दिसंबर को इस ऑपरेशन के तहत ओडिशा, झारखंड और पश्चिम बंगाल के 10 जिलों में फैले 30 से अधिक ठिकानों को कवर किया गया. इस पूरे तलाशी अभियान को लेकर आयकर विभाग ने एक बयान जारी किया है. जिसके मुताबिक, तलाशी के दौरान जब्त किए गए सबूतों के प्रारंभिक विश्लेषण से देशी शराब की बेहिसाब बिक्री के रिकॉर्ड, अघोषित नकदी प्राप्तियों के व्यवस्थित विवरण और बेहिसाब नकदी की आवाजाही और लेन-देन के संदर्भ का पता चला है.
जिस ग्रुप के ठिकानों पर तलाश अभियान चलाया गया, वहां की तमाम व्यावसायिक गतिविधियों को देखने वाले खास कर्मचारियों ने कुबूल किया है कि तलाशी अभियान के दौरान मिली और जब्त की गई नकदी, समूह की बेहिसाब आय का हिस्सा है. इस बात की पुष्टि व्यवसाय में सक्रिय रूप से शामिल परिवार के एक सदस्य ने भी की है.
इस ग्रुप का व्यवसाय रांची, झारखंड स्थित एक परिवार द्वारा नियंत्रित किया जाता है. समूह से जुड़े परिवार के सदस्यों में से एक रांची में रहने वाला राजनीतिक रूप से उजागर व्यक्ति भी है.
तलाशी अभियान के दौरान सामने आए तथ्यों से संकेत मिलता है कि समूह शराब कारोबार से अर्जित आय को बड़े पैमाने पर छिपाने में लगा हुआ है. तलाशी अभियान के दौरान वहां से 351 करोड़ रुपये अघोषित नकदी भी जब्त की गई है और 2.80 करोड़ से ज्यादा के बेहिसाब आभूषण भी वहां से बरामद हुए हैं.
नकदी का एक बड़ा हिस्सा लगभग रु. 329 करोड़ रुपये बोलांगीर जिले के सुदापाड़ा और टिटलागढ़ और संभलपुर जिले के खेतराजपुर सहित ओडिशा के छोटे शहरों में मौजूद सुरक्षित घरों, कई खंडहरनुमा इमारतों, छिपे हुए ठिकानों और अज्ञात स्थानों से बरामद और जब्त किए गए थे.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति को रूसी भाषा में भगवद गीता का एक विशेष संस्करण भेंट किया है. इससे पहले, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति को भी गीता का संस्करण दिया जा चुका है. यह भेंट भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को साझा करने का प्रतीक है, जो विश्व के नेताओं के बीच मित्रता और सम्मान को दर्शाता है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को कई अनोखे और खास तोहफे भेंट किए हैं. इनमें असम की प्रसिद्ध ब्लैक टी, सुंदर सिल्वर का टी सेट, सिल्वर होर्स, मार्बल से बना चेस सेट, कश्मीरी केसर और श्रीमद्भगवदगीता की रूसी भाषा में एक प्रति शामिल है. इन विशेष तोहफों के जरिए भारत और रूस के बीच गहरे संबंधों को दर्शाया गया है.

चीनी सरकारी मीडिया ने शुक्रवार को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के उन बयानों को प्रमुखता दी, जिनमें उन्होंने भारत और चीन को रूस का सबसे करीबी दोस्त बताया है. पुतिन ने कहा कि रूस को दोनों देशों के आपसी रिश्तों में दखल देने का कोई अधिकार नहीं. चीन ने पुतिन की भारत यात्रा पर अब तक आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है, लेकिन वह नतीजों पर नजर रखे हुए है.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सम्मान में राष्ट्रपति भवन में शुक्रवार रात डिनर का आयोजन किया गया. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस डिनर में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को निमंत्रण नहीं दिया गया. इसके बावजूद कांग्रेस के सांसद शशि थरूर को बुलाया गया.

आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है. यानी दोनों देशों का संबंध एक ऐसा अटल सत्य है, जिसकी स्थिति नहीं बदलती. सवाल ये है कि क्या पुतिन का ये भारत दौरा भारत-रूस संबंधों में मील का पत्थर साबित होने जा रहा है? क्या कच्चे तेल जैसे मसलों पर किसी दबाव में नहीं आने का दो टूक संकेत आज मिल गया? देखें हल्ला बोल.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर में जमा पैसा देवता की संपत्ति है और इसे आर्थिक संकट से जूझ रहे सहकारी बैंकों को बचाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें थिरुनेल्ली मंदिर देवस्वोम की फिक्स्ड डिपॉजिट राशि वापस करने के निर्देश दिए गए थे. कोर्ट ने बैंकों की याचिकाएं खारिज कर दीं.







