
ऑस्ट्रेलिया में पहली बार दो मुस्लिम बने मंत्री, कुरान लेकर ली पद की शपथ
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ऑस्ट्रेलिया के कैबिनेट में पहली बार दो मुसलमानों को जगह दी गई है. 23 सदस्यीय कैबिनेट में पहली बार एक महिला और एक पुरुष मंत्री को शामिल किया गया है. दोनों ही मंत्रीपद पाकर खुश हैं और उनका मानना है कि वो देश के विकास के लिए जिम्मेदारी के साथ काम करेंगे.
ऑस्ट्रेलिया की नई सरकार के कैबिनेट मंत्रियों के नामों का बुधवार को ऐलान किया गया. कैबिनेट में रिकॉर्ड संख्या में महिलाओं को शामिल किया गया है. 23 सदस्यीय कैबिनेट में कुल 10 महिलाओं को मंत्री बनाया गया है. ऑस्ट्रेलिया के कैबिनेट में मुस्लिमों को पहली बार जगह देते हुए ऐनी एली और एड ह्यूसिक को मंत्रीपद दिया गया है. कैबिनेट में दो मुस्लिमों की नियुक्ति को ऑस्ट्रेलिया में प्रतीकात्मक रूप से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है. एड ह्यूसिक और ऐनी एली कैबिनेट में अपनी नियुक्ति को ऐतिहासिक बता रहे हैं.
ह्यूसिक ऑस्ट्रेलिया के इतिहास में पहले मुस्लिम उद्योग और विज्ञान मंत्री बने हैं. एली को सरकार में बच्चों की शिक्षा और युवा मंत्री बनाया गया है. ऑस्ट्रेलिया के एसबीएस न्यूज से बात करते हुए ह्यूसिक ने कहा कि कैबिनेट का हिस्सा होना निश्चित रूप से एक जिम्मेदारी लेकर आया है और वो इसमें अपना सकारात्मक योगदान देंगे.
उन्होंने कहा कि प्रतीकात्मक रूप से ये बेहद मायने रखता है. मंत्री ने कहा, 'जो लोग भी ये सोचते हैं कि कैबिनेट में मुस्लिम मंत्रियों का जाना प्रतीकात्मक रूप से महत्व नहीं रखता, वो नहीं जानते कि बात किस बारे में की जा रही है. देश को एक साथ लाने में वास्तव में एक ये अहम पल है.'
ह्यूसिक का कहना है कि उन्हें एक बड़ा काम मिला है और वो ऑस्ट्रेलियाई लोगों के जीवनस्तर को सुधारने के लिए काम करेंगे. उन्होंने कहा कि कैबिनेट में मुस्लिमों का प्रवेश देश के मुसलमानों को एक शक्तिशाली संदेश भेजेगा.
उन्होंने कहा, 'कई बार यहां के प्रवासी युवाओं, खासकर बच्चों को ऐसा लगा होगा कि उन्हें दोयम दर्जे का समझा जाता है लेकिन आज वे ऑस्ट्रेलियाई लोगों का हिस्सा बन गए हैं.' दोनों ही मंत्रियों ने बुधवार को गवर्नमेंट हाउस में एक समारोह में हाथ में कुरान लेकर अपने पद की शपथ ली.
ह्यूसिक चिफ्ले की पश्चिमी सिडनी सीट से जीत कर आए हैं. साल 2010 में वो संसद के लिए चुने जाने वाले पहले मुस्लिम बने थे. वो बोस्नियाई मुस्लिम प्रवासी के बेटे हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें अपने मुस्लिम होने पर गर्व है लेकिन वो किसी धार्मिक लेंस के जरिए नहीं देखा जाना चाहते हैं.

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