
उम्र से नहीं, जज्बे से तय होती मंजिल... बुजुर्ग महिला बाइकर्स ने नाथुला दर्रे तक की राइड, VIDEO
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दो बुजुर्ग महिला बाइकर्स ने कठिन मौसम और ऊंचाई की चुनौतियों के बावजूद नाथुला दर्रे तक बाइक राइड पूरी की, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर लोगों को प्रेरित कर रहा है.
जहां आमतौर पर लोग उम्र बढ़ने के साथ आराम की राह चुनते हैं, वहीं कुछ महिलाएं सीमाओं को चुनौती देना पसंद करती हैं. बर्फ, ऊंचाई और कठिन रास्तों से जूझते हुए दो बुजुर्ग महिला बाइकर्स ने नाथुला दर्रे तक की खतरनाक राइड पूरी कर यह साबित कर दिया कि जज़्बे की कोई उम्र नहीं होती. इस अनोखे और प्रेरणादायक सफर का वीडियो अब सोशल मीडिया पर लोगों का दिल जीत रहा है. वीडियो में आप देख सकते हैं कि पांच महिला मोटरसाइकिल सवारों के एक ग्रुप में शामिल दो बुजुर्ग महिलाओं ने नाथुला दर्रे तक की बेहद मुश्किल बाइक यात्रा सफलतापूर्वक पूरी की.
तेजी से वीडियो वायरल आपको बता दें कि नाथुला दर्रा भारत-चीन सीमा के पास स्थित देश के सबसे ऊंचे और चुनौतीपूर्ण इलाकों में से एक है. इस खास यात्रा का वीडियो इंस्टाग्राम पर शेयर किया गया, जो अब तेजी से वायरल हो रहा है. यह वीडियो CRF Women On Wheels नाम के इंस्टाग्राम पेज पर शेयर किया गया है, जिसमें महिलाओं को नाथुला दर्रे पर पहुंचते हुए दिखाया गया है. यह यात्रा बेंगलुरु से शुरू होकर सिक्किम, नेपाल और भूटान तक गई.
कई मुश्किलों में पूरा किया सफर इस सफर को खास बनाने वाली बात यह रही कि इसमें सीमा चेची और उनकी बुजुर्ग मां भी शामिल थीं. जिस उम्र में लोग आराम करना पसंद करते हैं, उस उम्र में इन महिलाओं ने बर्फीली ठंड, कम ऑक्सीजन और कठिन रास्तों का सामना करते हुए यह सफर पूरा किया. पोस्ट के मुताबिक, रास्ते में टीम को तेज ठंड, ऊंचाई की परेशानी, शारीरिक थकान और मानसिक दबाव जैसी कई मुश्किलों से गुजरना पड़ा, लेकिन बुजुर्ग महिलाओं ने हिम्मत नहीं हारी और आगे बढ़ती रहीं. नाथुला दर्रे पर पहुंचकर महिलाओं ने तिरंगा लहराया, जो उनके लिए गर्व और भावुकता का पल था.
बुजुर्ग महिला राइडर्स की जमकर तारीफ टीम ने इस यात्रा को सिर्फ एक रोड ट्रिप नहीं, बल्कि साहस, एकता और महिलाओं की मजबूत इच्छाशक्ति की मिसाल बताया. इस अभियान में सीमा चेची और उनकी मां के साथ स्वप्ना, अनीता और शेषा भी शामिल थीं, जिन्होंने हर चुनौती में एक-दूसरे का साथ दिया. सोशल मीडिया पर लोग इन बुजुर्ग महिला राइडर्स की जमकर तारीफ कर रहे हैं. कई यूजर्स ने कहा कि इस सफर ने साबित कर दिया कि उम्र कभी भी सपनों और रोमांच के रास्ते में रुकावट नहीं बन सकती. यह कहानी हजारों महिलाओं के लिए प्रेरणा बन गई है.

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