
उम्मीद भी, शंकाएं भी... भारत-चीन-रूस की दोस्ती का ये 'ट्रंप' कार्ड कितना टिकाऊ?
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मोदी-जिनपिंग-पुतिन की खूबसूरत तस्वीरें आपसी सहयोग के नए अवसरों का संकेत देती हैं. पर ये कितनी टिकाऊ और स्थायी हैं ये सैन्य, कूटनीतिक और आर्थिक वास्तविकताओं से ही तय होंगी. न कि केवल SCO सम्मेलन की
मुस्कुराते मोदी, मुट्ठी बांधे पुतिन, गर्मजोशी से हाथ मिलाते शी जिनपिंग... चीन के SCO मीटिंग से आई तीन महाशक्तियों की ये तस्वीरें ग्लोबल पॉलिटिक्स के रिअलाइनमेंट की कहानी कहती हैं. लेकिन तस्वीरों के सिम्बॉलिज्म में सच्ची और गहरी दोस्ती की भावना कितनी है? दोस्ती में गर्मजोशी का ये दौर कितना लंबा चलेगा? क्या वाकई ये नई दोस्ती की शुरुआत हुई है अथवा इस एकजुटता की वजह ट्रंप की आक्रामक व्यापार नीतियां हैं जिसने भारत, चीन और रूस को एक दूसरे को संभालने के लिए साथ आने पर मजबूर किया है.
अगर भविष्य में अमेरिका टैरिफ को लेकर अपनी नीतियों में लचीलापन लाता है, भारत और अमेरिका के बीच व्यापार डील सील हो जाता है तो तीन महाशक्तियों की ये दोस्ती क्या इसी तरह से परवान चढ़ती रहेगी. या भारत को फिर से डिप्लोमेसी का डायरेक्शन बदलना पड़ेगा. आइए समझते हैं.
तस्वीरें रिश्तों में गर्मजोशी और उम्मीद बेचती हैं, लेकिन इन्हें टिकाऊ तभी माना जा सकता है जब दोस्ती के प्रति कमिटमेंट हो. क्या चीन के साथ भारत के ऐतिहासिक अविश्वास के अनुभवों को देखते हुए चीन से आई गर्मजोशी की इन तस्वीरों पर यकीन किया जा सकता है.
भारत-चीन रिश्ते दशकों से सीमा विवाद, आर्थिक प्रतिस्पर्धा और रणनीतिक असहमति से जूझते आए हैं. डोनाल्ड ट्रम्प की नीतियों विशेष रूप से भारत पर रूसी तेल खरीद के लिए 50% टैरिफ (25% सामान्य + 25% दंडात्मक) ने भारत को चीन के करीब ला दिया है.
दक्षिण एशिया में कहां-कहां और कैसे टकराते हैं भारत-चीन के हित
लेकिन भारत-चीन के बीच सीमा विवाद को छोड़ भी दें तो एशिया महादेश में भारत और चीन के बीच टकराव की कई वजहें हैं. दक्षिण एशिया के कई देशों में भारत का चीन से आर्थिक टकराव है. पिछले कुछ सालों में चीन ने अफगानिस्तान, बांग्लादेश, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका, मालदीव में अपने प्रभाव क्षेत्र (Sphere of influence) को खूब बढ़ाया है. चीन जब इन क्षेत्रों में आर्थिक विस्तार और कर्ज नीति के एजेंडे को आगे बढ़ाएगा तब भारत-चीन की इस दोस्ती की असली परीक्षा होगी. क्योंकि इन सभी देशों में चीन के दबदबे का अर्थ है भारत के प्रभुत्व में कमी. ऐसी किसी स्थिति में भारत क्या करेगा? भारत के पड़ोसी देशों में चीन का हैवी 'आर्थिक' निवेश है.

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देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो में आई भारी अव्यवस्था ने पूरे देश की हवाई यात्रा को बुरी तरह प्रभावित किया. दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद, जयपुर, इंदौर, कोच्चि और तिरुवनंतपुरम सहित कई एयरपोर्ट पर फ्लाइट कैंसिलेशन और देरी की वजह से हजारों यात्री घंटों फंसे रहे. देर रात दिल्ली एयरपोर्ट अथॉरिटीज ने एडवाइजरी जारी की है.

कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी ने जवाहर भवन में नेहरू सेंटर इंडिया के उद्घाटन समारोह में सत्ताधारी दल पर जोरदार हमला किया. उन्होंने आरोप लगाया कि जवाहरलाल नेहरू को कलंकित करने की परियोजना आज की मुख्य रणनीति है. गांधी ने कहा कि इसका मकसद सिर्फ नेहरू को मिटाना नहीं, बल्कि देश की सामाजिक और राजनीतिक नींव को नष्ट करना है.

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बंगाल में बाबरी-स्टाइल मस्जिद की नींव रखने का कार्यक्रम आज... RAF-BSF तैनात, 3 लाख लोग जुटने का दावा
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