ई कोर्ट्स की तीसरे चरण की योजना को केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी, 7210 करोड़ रुपये आवंटित होंगे
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ई कोर्ट्स का पहला चरण 2011 से 15 के बीच 639.41 करोड़ की लागत से पूरा हुआ था. इसमें 14249 जिला और सहायक अदालतों में 14309 लैपटॉप और विशेष केबलिंग सहित ई कोर्ट्स के इंतजाम किए गए थे. तीसरे चरण के लिए 7210 करोड़ रुपए की इस महत्वाकांक्षी योजना से इंसाफ पाने की चाहत वाले आम आदमी को आसानी होगी, वहीं मुकदमों के आदेश और फैसले लोगों को एक क्लिक करते ही मिल जाएंगे.
केंद्रीय कैबिनेट ने ई कोर्ट्स पार्ट 3 परियोजना को मंजूरी दे दी है. तीसरे चरण के लिए 7210 करोड़ रुपए की इस महत्वाकांक्षी योजना से इंसाफ पाने की चाहत वाले आम आदमी को आसानी होगी, वहीं मुकदमों के आदेश और फैसले लोगों को एक क्लिक करते ही मिल जाएंगे. इससे मुकदमेबाज यानी फरियादी, वकील, जज, कानून के छात्र, शोधार्थी सभी को आसानी हो जाएगी.
ई कोर्ट्स का पहला चरण 2011 से 15 के बीच 639.41 करोड़ की लागत से पूरा हुआ था. इसमें 14249 जिला और सहायक अदालतों में 14309 लैपटॉप और विशेष केबलिंग सहित ई कोर्ट्स के इंतजाम किए गए थे.
दूसरे चरण में 2015 से 23 के बीच 1668.63 करोड़ रुपये की लागत से 18735 जिला और निचली अदालतों में ई कोर्ट्स के लिए बुनियादी और विकास कार्य कराए गए. इस चरण की समाप्ति पर 99.4 फीसदी जिला और निचली अदालतों को सुरक्षित इंटरनेट से जोड़ दिया गया.
ई फाइलिंग, एसएमएस सर्विसेज, ई पेमेंट्स, ई सेवा केंद्र के साथ NSTEP योजना के जरिए सुरक्षित, शीघ्र और सुनिश्चित ई समन भेजने को ज्यादा कारगर ढंग से लागू करने की योजना है. इस चरण में 23.81 करोड़ मुकदमे और 23.02 करोड़ आदेश और फैसले ऑनलाइन उपलब्ध रहेंगे. सुनवाई से लेकर फैसले तक सभी सिस्टम स्मार्ट और इनेबल्ड डाटा सिस्टम कागज रहित होगा. यानी कोर्ट रिकॉर्ड डिजिटलाइज रहेगा.
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