
इस जगह पर नहीं चलता कोई कानून, न लोग देते हैं किराया, न टैक्स!
AajTak
इसे धरती का 'Lawless Place' भी कहा जाता है, जहां लोग अपनी मर्जी से जीवन जी सकते हैं. हालांकि, यहां रहना बेहद चुनौतीपूर्ण है.
Inside Slab City: स्लैब सिटी... एक ऐसी जगह जहां रहने के लिए ना कोई किराया देना पड़ता है, ना ही कोई टैक्स. यहां कोई नियम-कायदा, कानून नहीं चलता है. कुल मिलाकर स्लैब सिटी में सरकार नाम की कोई चीज नहीं है. इसे धरती का 'Lawless Place' भी कहा जाता है, जहां लोग अपनी मर्जी से जीवन जीते हैं. हालांकि, यहां रहना बेहद चुनौतीपूर्ण है. इसका खुलासा एक टीवी चैनल के होस्ट बेन फोगले (Ben Fogle) ने अपने प्रोग्राम में किया है. फोगले ने हाल ही में खुद स्लैब सिटी जाकर वहां का हाल जाना.
दरअसल, Slab City अमेरिका के कैलिफोर्निया में स्थित एक ऐसी जगह है जहां बंदूकों और ड्रग्स का बोलबाला है. इस जगह मानसिक समस्याओं से पीड़ित लोग जाते हैं या फिर कानून से बचने के लिए कुछ लोग यहां पहुंच हैं, क्योंकि इस रेगिस्तानी इलाके में कोई सरकार/प्रशासन नहीं है. बकौल बेन फोगले स्लैब सिटी उन लोगों के लिए आखिरी घर है, जो बेघर हैं या समाज से अलग हो चुके हैं.
स्लैब सिटी का आंखों देखा हाल!
बेन फोगले कहते हैं कि रेगिस्तानी इलाके में बनी स्लैब सिटी में ना तो पानी की व्यवस्था है, ना ही गैस या बिजली की. सेकेंड वर्ल्ड वॉर के समय अमेरिकी सैनिकों के ट्रेनिंग के लिए इसे बनाया गया था, जिसे 1956 में तोड़ दिया गया था. ये शहर कंक्रीट का खंडहर हो गया था, लेकिन धीरे-धीरे यह घुमक्कड़ों और पूर्व सैनिकों के रहने की जगह बन गई.
आमतौर पर यहां आने वाले लोग सामाजिक रूप से अलग-थलग होते हैं. फोगले ने ऐसे ही कई लोगों से बात की. कोई उन्हें पोल डांस करता दिखा तो कोई अजीबोगरीब कॉस्टयूम में नजर आया. एक शख्स ने फोगले से कहा कि यहां ना तो उसके पास घड़ी है, ना कैलेंडर और ना ही टीवी. दुनिया में क्या हो रहा है उसे कुछ नहीं पता. उसके जैसे कई लोगों को इसमें आनंद आता है. फोगले को स्लैब सिटी में ऐसे भी लोग मिले जो क्राइम कर यहां आए थे.
हालांकि, स्लैब सिटी की कठिनाइयों के बावजूद बेन फोगले का मानना है कि लोग इससे बहुत कुछ सीख सकते हैं. उनका कहना है- 'मुझे लगता है कि ऐसी जगहों की जरूरत है जहां लोग आज़ाद रह सकें. बस कानूनविहीन होना बड़ी कमी है.'

भारत और यूरोप के वर्क कल्चर में फर्क को जर्मनी में काम कर रहे भारतीय इंजीनियर कौस्तव बनर्जी ने 'जमीन-आसमान का अंतर] बताया है. उनके मुताबिक, भारत में काम का मतलब अक्सर सिर्फ लगातार दबाव, लंबे घंटे और बिना रुके डिलीवरी से जुड़ा होता है, जबकि जर्मनी और यूरोप में काम के साथ-साथ इंसान की जिंदगी को भी बराबर अहमियत दी जाती है.

देश की सबसे बड़ी एयरलाइन IndiGo का संचालन शनिवार को भी पटरी पर नहीं लौट सका. संकट अब पांचवें दिन में पहुंच गया है और दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु व चेन्नई एयरपोर्ट पर यात्री रातभर अपने उड़ानों का इंतजार करते नजर आए. पिछले चार दिनों में एयरलाइन को 2,000 से अधिक उड़ानें रद्द करनी पड़ी हैं, जिससे करीब तीन लाख से ज्यादा यात्रियों की यात्रा योजनाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं.

iQOO 15 भारत में लॉन्च हो चुका है. हफ्ते भर यूज करने के बाद हमें ये कैसा लगा. इस रिव्यू में बताएंगे. आम तौर पर iQOO की इमेज गेमिंग स्मार्टफोन वाली है. लेकिन इस बार चीजें थोड़ी बदली हैं. इस रिव्यू मे जानेंगे कि ये फोन कैसा परफॉर्म करता है. पेपर पर ये फोन पावरफुल लगता है, लेकिन क्या असलियत में ये अच्छा परफॉर्म कर रहा है? आइए जानते हैं.










