इब्राहीम अश्क: न जाने कितनी ज़बानों से हम बयां होंगे…
The Wire
स्मृति शेष: इब्राहीम अश्क फ़िल्मी गीतकारों से बहुत अलग थे और साहित्य की हर करवट पर नज़र रखते थे. फ़िल्मी और पेशेवर शायर कहकर उनके क़द को अक्सर ‘कमतर’ बताया गया. शायद इसलिए भी अश्क ने अपनी कई आलोचनात्मक तहरीरों में कथित साहित्यकारों की ख़ूब ख़बर ली.
‘इब्राहीम अश्क साहब नहीं रहे…’
शकील आज़मी का ट्वीट पढ़ते हुए जाने क्या कैफ़ियत थी कि ख़ुदा से शिकवा के अंदाज़ में मैंने कई दफा दोहराया;
‘मोहब्बत इनायत करम देखते हैंकहां हम तुम्हारे सितम देखते हैं’
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